सनातन धर्म में भगवान शिव को जगत का पालनहार कहा जाता है। वैदिक साहित्य में शिव तत्व का वर्णन किया गया है। शिव साहित्य में भगवान शिव के रूप, लीलाओं और कथाओं का वर्णन किया गया है।
Shiv Puran In Sawan : सनातन धर्म में भगवान शिव को जगत का पालनहार कहा जाता है। वैदिक साहित्य में शिव तत्व का वर्णन किया गया है। शिव साहित्य में भगवान शिव के रूप, लीलाओं और कथाओं का वर्णन किया गया है। कथा के माध्यम से भगवान भोलेनाथ की महिमा का जिक्र है। शिव पुराण में भगवान शिव के विविध रूप, अवतार, ज्योतिर्लिंग का विस्तृत वर्णन किया गया है। 18 पुराणों में शिव पुराण को अधिक पढ़ा जाने वाला पुराण है। मान्यता है कि शिव पुराण की कथा पढ़ने और सुनने से व्यक्ति की सभी परेशानियां दूर हो जाती है और घर-परिवार में शिवजी जी कृपा बनी रहती है।
सावन का महीना शिव पुराण का पाठ करने के लिए सबसे शुभ समय माना जाता है। सोमवार भगवान शिव को समर्पित दिन है। इस दिन शिव पुराण का पाठ करने से विशेष फल प्राप्त होता है। शिव भक्तों को सावन की शिवरात्रि का पूरे साल इंतजार रहता है।
शिव पुराण का पाठ शांत और एकांत वातावरण में करना चाहिए और पाठ करते समय मन को शुद्ध रखना चाहिए और अगर संभव हो तो शिव पुराण का पाठ किसी विद्वान के मार्गदर्शन में करना चाहिए।
नियमित रूप से शिव पुराण का पाठ करने से व्यक्ति आध्यात्मिक रूप से समृद्ध होता है और उसे जीवन के उद्देश्य का ज्ञान प्राप्त होता है। शिव पुराण का पाठ करने वाला व्यक्ति जीवन की कठिनाओं से हतोत्साहित नहीं होता।