शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) का आज बयान आया है। उन्होंने कहा कि, हमें समाजवादी पार्टी की तरफ कभी भी किसी मीटिंग में नहीं बुलाया गया, परसों भी यशवंत सिन्हा यहां थे लेकिन नहीं बुलाया गया। राजनैतिक अपरिपक्वता की कमी होने के कारण ये सब होता चला जा रहा है और पार्टी कमजोर हो रही है, लोग पार्टी छोड़ रहे हैं।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजनीति में चाचा शिवपाल यादव और भतीजे अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं। राष्ट्रपति चुनाव में शिवपाल यादव ने एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान किया है। शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) के इस ऐलान के बाद अखिलेश यादव को बड़ा झटका लगा है। यही नहीं गठबंधन दल के नेता ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) भी शुक्रवार रात सीएम योगी के रात्रिभोज में पहुंचे थे।
इसके बाद प्रदेश की राजनीति में फिर से हलचल तेज हो गयी है। दरअसल, दो दिन पहले विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा लखनऊ में आए थे। इस मौके पर वो समाजवादी पार्टी के कार्यालय पहुंचे थे। सपा की तरफ से सिर्फ रालोद के विधायकों को बुलाया गया था। हाालांकि, ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) अपने विधायकों के साथ लखनऊ में बुलावे का इंतजार करते रहे लेकिन उनके पास बुलाया नहीं आया।
इसके बाद से उन्होंने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर निशाना साधा था। साथ ही शिवपाल यादव को भी इस दौरान सपा की तरफ से नहीं बुलाया गया था। लिहाजा, दोनो नेता शुक्रवार रात एनडीए की राष्ट्रपाति उम्मीदवार द्रौपती मुर्मू के आगमन पर सीएम सीएम ने रात्रिभोज का आयोजन किया था, जिसमें शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) और ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) पहुंचे थे।
इसको लेकर शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) का आज बयान आया है। उन्होंने कहा कि, हमें समाजवादी पार्टी की तरफ कभी भी किसी मीटिंग में नहीं बुलाया गया, परसों भी यशवंत सिन्हा यहां थे लेकिन नहीं बुलाया गया। राजनैतिक अपरिपक्वता की कमी होने के कारण ये सब होता चला जा रहा है और पार्टी कमजोर हो रही है, लोग पार्टी छोड़ रहे हैं।