ज्योतिष में सूर्य को आत्मा का कारक माना जाता है। इस समय कर्क राशि में गोचर करने वाले सूर्य देवता अब अपनी राशि परिवर्तन करने जा रहे है। कर्क राशि को छोड़ कर सूर्य देव 17 अगस्त 2021, मंगलवार को रात्रि 01 बजकर 05 मिनट पर सिंह राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं।
Lord Narasimha worship: ज्योतिष में सूर्य को आत्मा का कारक माना जाता है। इस समय कर्क राशि में गोचर करने वाले सूर्य देवता अब अपनी राशि परिवर्तन करने जा रहे है। कर्क राशि को छोड़ कर सूर्य देव 17 अगस्त 2021, मंगलवार को रात्रि 01 बजकर 05 मिनट पर सिंह राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। इस साल सिंह संक्रांति 17 अगस्त 2021 को मनाई जाएगी। सूर्य देव जब कर्क राशि से सिंह राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे सिंह संक्रांति के नाम से जाना जाता है। सिंह संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान करना काफी शुभ माना जाता है । सिंह संक्रांति पर सूर्य अपनी राशि में आने के कारण बली होते हैं। बली होने के कारण उनका प्रभाव और बढ़ जाता है।
सिंह संक्रांति के दिन भगवान विष्णु, सूर्य देव और भगवान नरसिंह की पूजा की जाती है।भगवान विष्णु के चौथे अवतार भगवान नरसिंह ने अपने भक्त की रक्षा के लिए दैत्यराज राजा हिरण्यकश्यप का वध किया था। जो आधे मानव एवं आधे सिंह के रूप में प्रकट होते हैं, जिनका सिर एवं धड तो मानव का था लेकिन चेहरा एवं पंजे सिंह की तरह थे। दैत्यों से रक्षा करने वाले भगवान के इस अवतार की पूरे देश में पूजा होती है।
हिन्दू पंचांग के अनुसार अगस्त 17, 2021, मंगलवार श्रावण माह के शुक्ल पक्ष दशमी तिथि है।
पुण्य काल का समय05:51 AM से 12:25 PMअवधि:- 6 घंटे 34 मिनट
महा पुण्य काल का समय05: 51 से 8:03अवधि:- 2 घंटे 11 मिनट
भगवान नरसिंह को प्रसन्न करने के लिए इन मंत्रों से उनकी पूजा की जाती है।
नरसिंह मंत्र ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्। नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्युमृत्युं नमाम्यहम् ॥
हे क्रुद्ध एवं शूर-वीर महाविष्णु, तुम्हारी ज्वाला एवं ताप चतुर्दिक फैली हुई है। हे नरसिंहदेव, तुम्हारा चेहरा सर्वव्यापी है, तुम मृत्यु के भी यम हो और मैं तुम्हारे समक्षा आत्मसमर्पण करता हूँ।