गुजरात सरकार द्वारा गठित एसआईटी की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इस खुलासे के बाद भाजपा ने कांग्रेस को घेरना शुरू कर दी है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ ने गुजरात सरकार को गिराने और पीएम मोदी को फंसाने के लिए जो कुछ भी किया, वह कांग्रेस के इशारे पर किया गया था। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने तीस्ता को करीब 30 लाख रुपये का भुगतान किया गया था।
नई दिल्ली। गुजरात सरकार द्वारा गठित एसआईटी की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इस खुलासे के बाद भाजपा ने कांग्रेस को घेरना शुरू कर दी है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ ने गुजरात सरकार को गिराने और पीएम मोदी को फंसाने के लिए जो कुछ भी किया, वह कांग्रेस के इशारे पर किया गया था। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने तीस्ता को करीब 30 लाख रुपये का भुगतान किया गया था।
उन्होंने कहा कि ऐसा सिर्फ गुजरात और मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए किया गया था। साथ ही कहा कि ये पूरी साजिश सत्ता पाने के लिए की गई थी। संबित पात्रा ने कहा कि, इस संदर्भ में गठित एसआईटी ने एफिडेविट कोर्ट के सामने रखा है। ये एफिडेविट कहता है कि तिस्ता सीतलवाड़ और उसके सहयोगी मानवता के तहत काम नहीं कर रहे थे। ये राजनीतिक मंसूबे के साथ काम कर रहे थे।
इनके 2 ऑब्जेक्टिव थे। आज एफिडेविट में ये सामने आया है कि षड्यंत्र के रचयिता सोनिया गांधी के पूर्व मुख्य राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल थे। अहमद पटेल तो सिर्फ नाम है, इस सबके पीछे मुख्य रूप से सोनिया गांधी का नाम है। सोनिया गांधी जी ने गुजरात की छवि और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को अपमानित करने का षड्यंत्र रचा। दरअसल, अहमद पटेल उस समय कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार थे।
एसआईटी रिपोर्ट में आईं ये बातें
शुक्रवार को एसआईटी की रिपोर्ट सामने आई, जिसमें दावा किया गया था कि सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को 2002 में गुजरात सरकार को अस्थिर करने के लिए कांग्रेस फंड मिला था। इसके साथ ही इसमें कहा गया है कि 2002 में गोधरा में ट्रेन जलने की घटना के तुरंत बाद गुजरात में निर्वाचित सरकार को अस्थिर करने की बड़ी साजिश सीतलवाड़ ने रची थी। यही नहीं इसके लिए उन्हें प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दल के एक बड़े नेता से वित्तीय सहायता भी मिली थी।
अहमद पटेल के साथ हुई थी बैठक
एसआईटी के मुताबिक, सीतलवाड़ ने शुरू से ही इस षड़यंत्र का हिस्सा बनना शुरू कर दिया था। उन्होंने गोधरा ट्रेन की घटना के कुछ दिनों बाद ही अहमद पटेल के साथ बैठक की थी और पहली बार में उन्हें पांच लाख रुपये दिए गए थे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के निर्देश पर एक गवाह ने उन्हें पैसे दिए।