संसद मॉनसून सत्र के पहला दिन लोकसभा में पीएम मोदी का भारी हंगामे के बीच संबोधन शुरू हो गया है। पीएम मोदी ने कहा कि खुशी की बात है कि कई दलित भाई मंत्री बने हैं। उन्होंने कहा कि हमारे कई मंत्री ग्रामीण परिवेश से है, लेकिन कुछ लोगों को ये रास नहीं आ रहा है।
नई दिल्ली। संसद मॉनसून सत्र के पहला दिन लोकसभा में पीएम मोदी का भारी हंगामे के बीच संबोधन शुरू हो गया है। पीएम मोदी ने कहा कि खुशी की बात है कि कई दलित भाई मंत्री बने हैं। उन्होंने कहा कि हमारे कई मंत्री ग्रामीण परिवेश से है, लेकिन कुछ लोगों को ये रास नहीं आ रहा है।
पीएम ने लोकसभा में अपने नए मंत्रियों का परिचय कराते हुए कहा कि मैंने सोचा था कि संसद में उत्साह होगा, क्योंकि इतनी महिलाएं, दलित, आदिवासी मंत्री बन गए हैं। इस बार कृषि और ग्रामीण पृष्ठभूमि के हमारे सहयोगियों, ओबीसी समुदाय को मंत्रिपरिषद में स्थान दिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर देश की महिलाएं, ओबीसी, किसान बेटे मंत्री बनते हैं तो शायद कुछ लोग खुश नहीं होते। इसलिए अपना परिचय तक नहीं देते हैं।
फोन टेपिंग के मसले पर नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में है। उन्होंने कहा कि सदन में हम ये मुद्दा उठाएंगे और सरकार की इस मामले में जवाबदेही बनती है। विपक्षी दलों ने सत्र शुरू होने से पहले ही स्थगन प्रस्ताव दिए गए हैं। इसके अलावा कई मसलों पर चर्चा करने की मांग की गई है। कोरोना मैनेजमेंट, पेट्रोल और डीज़ल के बढ़ते दाम समेत अन्य मसलों पर संसद में चर्चा के लिए नोटिस दिया गया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने संसद में कोरोना संकट पर चर्चा की मांग की गई है। सांसद मनोज झा ने नोटिस देकर कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ों पर चर्चा करने को कहा है।
इनके अलावा तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने कई मसलों पर चर्चा कराने की मांग की है। इनमें पेट्रोल, डीज़ल के बढ़ते दाम, कृषि कानून, वैक्सीनेशन, अर्थव्यवस्था जैसे मसले शामिल हैं। आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने लोकसभा में कृषि कानून और किसान आंदोलन का मुद्दा उठाया जाएगा। भगवंत मान ने इस मसले पर नोटिस दिया है।