SpaDeX Docking Update: चंद्रयान-3 और सोलर मिशन के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो अपनी एक और सफलता से पूरी दुनिया को चौंकाने के बेहद करीब है। अंतरिक्ष में इसरो के स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (स्पैडेक्स) के लिए भेजे गए दो उपग्रह रविवार (12 जनवरी) को पहले 15 मीटर और फिर तीन मीटर तक करीब लाया गया। अगर इसरो इस एक्सपेरीमेंट (स्पैडेक्स) में सफल होता है तो भारत ये जटिल प्रौद्योगिकियों में महारत हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा।
SpaDeX Docking Update: चंद्रयान-3 और सोलर मिशन के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो अपनी एक और सफलता से पूरी दुनिया को चौंकाने के बेहद करीब है। अंतरिक्ष में इसरो के स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (SpaDeX Docking) के लिए भेजे गए दो उपग्रह रविवार (12 जनवरी) को पहले 15 मीटर और फिर तीन मीटर तक करीब लाया गया। अगर इसरो इस एक्सपेरीमेंट (SpaDeX Docking) में सफल होता है तो भारत ये जटिल प्रौद्योगिकियों में महारत हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा।
इसरो ने एक्स पोस्ट के जरिये स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (SpaDeX Docking) के लिए अपडेट दिया है। स्पैडेक्स डॉकिंग को लेकर इसरो ने पहले लिखा, “15 मीटर की दूरी पर हम एक दूसरे को स्पष्ट रूप से देख पाते हैं, हम एक रोमांचक हाथ मिलाने के लिए सिर्फ 50 फीट की दूरी पर होते हैं।” इसके बाद संगठन ने लिखा, “दोनों उपग्रहों को पहले 15 मीटर और फिर 3 मीटर तक पहुंचने का परीक्षण प्रयास किया गया। दोनों को सुरक्षित दूरी पर वापस ले जाया जा रहा है। अब पहले डेटा का विश्लेषण किया जाएगा, इसके बाद डॉकिंग की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।”
SpaDeX Docking Update:
A trial attempt to reach up to 15 m and further to 3 m is done.
Moving back spacecrafts to safe distance
पढ़ें :- ISRO ने स्पेडेक्स मिशन की डॉकिंग टाली, अब इस तारीख को होगा परीक्षण
The docking process will be done after analysing data further.
Stay tuned for updates.#SpaDeX #ISRO
— ISRO (@isro) January 12, 2025
एक अन्य पोस्ट में इसरो ने बताया- “SpaDeX उपग्रह 15 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं, एक-दूसरे की शानदार तस्वीरें और वीडियो कैप्चर कर रहे हैं!” बता दें कि स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (स्पैडेक्स) मिशन को इसरो ने 30 दिसंबर को लॉन्च किया था। इस दौरान पीएसएलवी सी60 रॉकेट ने दो छोटे उपग्रहों, एसडीएक्स01 (चेजर) और एसडीएक्स02 (टारगेट) तथा 24 पेलोड को लेकर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (Satish Dhawan Space Centre at Sriharikota) के फर्स्ट लॉन्चपैड से उड़ान भरी थी। जिसके 15 मिनट बाद ही दो छोटे अंतरिक्षयान (Spacecraft) को 475 किलोमीटर की वृत्ताकार कक्षा में प्रक्षेपित कर दिया गया था। इनका वजन 20 किलोग्राम था।
SpaDeX Docking Update:
SpaDeX satellites holding position at 15m, capturing stunning photos and videos of each other! 🛰️🛰️
#SPADEX #ISRO pic.twitter.com/RICiEVP6qB
— ISRO (@isro) January 12, 2025
स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (SpaDeX Docking) में सफलता भारत के लिए कई मायनों में अहम होगी। इससे भविष्य के मिशन जैसे भरतीय अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्री को उतारने में मदद मिलेगी। अंतरिक्ष में डॉकिंग तकनीक (Docking Technique) तब आवश्यक होती है जब सामान्य मिशन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए कई रॉकेट लॉन्च की जरूरत होती है।