यूपी के बरेली जिले में सुन्नी सूफी खानकाही बरेलवी विचारधारा के सबसे बड़े भारतीय केंद्र मरकज दरगाह आला हजरत (Indian Centre Markaz Dargah Aala Hazrat) के प्रमुख हज़रत अल्लामा सुब्हान रजा खान सुब्हानी मियां (Pradhan Hazrat Allama Subhan Raza Khan Subhani Miyan) ने कौम के नाम सौहार्द का पैगाम दिया है।
बरेली। यूपी के बरेली जिले में सुन्नी सूफी खानकाही बरेलवी विचारधारा के सबसे बड़े भारतीय केंद्र मरकज दरगाह आला हजरत (Indian Centre Markaz Dargah Aala Hazrat) के प्रमुख हज़रत अल्लामा सुब्हान रजा खान सुब्हानी मियां (Pradhan Hazrat Allama Subhan Raza Khan Subhani Miyan) ने कौम के नाम सौहार्द का पैगाम दिया है। उन्होंने कहा कि रमजान (Ramzan) हर मुसलमान के लिए इज्जत, एहतिराम और बरकत वाला महीना है। जिसमें ईमान वाला हर शख्स ज्यादा से ज्यादा नेकियां कमाने की कोशिश करता है। एक-दूसरे की मदद करने की ललक रखता है। लड़ाई, झगड़े और बुराइयों से दूर रहने का प्रयास करता है। यह वक्त हम सब को गरीबों की मदद करने और बेसहारा लोगों को ईद की खुशियां मनाने का मौका देने की तालीम देता है। सौहार्द को बढ़ावा दें और गरीबों की मदद करें।
हर मुस्लिम की जिम्मेदारी है कि वह रंग वाले रास्तों पर न जाएं
सुब्हानी मियां (Subhani Miyan)ने कहा कि हर मुस्लिम की जिम्मेदारी है कि वह अपनी हिफाजत के साथ पाक व साफ कपड़ों में रहकर इबादत करे। रमजान (Ramzan) के दौरान जुमे के दिन होली का त्योहार (Holi Festival) भी है और रंग खेलने का वक्त भी सुबह से दोपहर का है। इसलिए अपने लिबास, नमाज के कपड़ों वगैरह की पाकी, हिफाजत और सफाई का खयाल रखते हुए रंग खेलने वाले रास्तों और जगहों पर बिना जरूरत जाने से परहेज करें। महफूज जगहों पर रहकर इबादत में वक्त गुजारें। मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में अपने तयशुदा वक्त पर ही नमाज़ अदा करें। जहां मिली-जुली आबादी है और मस्जिद के रास्तों में रंग खेला जा रहा हो। ऐसे हालात में अपनी सहूलियत के हिसाब से जहां जरूरत समझें मोहल्ला और मस्जिद उलमा (Masjid Ulema) से मशविरा करके जुमे के तयशुदा वक्त में फेरबदल कर लें।