यूपी विधानसभा के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष (Former Speaker of the UP Legislative Assembly) और आजमगढ़ की दीदारगंज क्षेत्र से बसपा विधायक सुखदेव राजभर (BSP MLA Sukhdev Rajbhar from Didarganj area of Azamgarh) का सोमवार को निधन हो गया। वह तीन दिन से गोमतीनगर स्थित चंदन हॉस्पिटल (Chandan Hospital in Gomtinagar) में भर्ती हुए थे।
लखनऊ। यूपी विधानसभा के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष (Former Speaker of the UP Legislative Assembly) और आजमगढ़ की दीदारगंज क्षेत्र से बसपा विधायक सुखदेव राजभर (BSP MLA Sukhdev Rajbhar from Didarganj area of Azamgarh) का सोमवार को निधन हो गया। वह तीन दिन से गोमतीनगर स्थित चंदन हॉस्पिटल (Chandan Hospital in Gomtinagar) में भर्ती हुए थे।
चंदन अस्पताल के एमडी डॉ. फारुख अंसारी (Dr. Farooq Ansari, MD, Chandan Hospital) ने बताया कि सुखदेव राजभर गुर्दे के बीमारी से पीड़ित थे। डायलसिस चल रही थी। जहां सोमवार की रात साढ़े आठ बजे उनका निधन हो गया। सुखदेव राजभर मायावती के साथ ही मुलायम और कल्याण सिंह कैबिनेट में भी मंत्री बने।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुखदेव राजभर (Former Assembly Speaker Sukhdev Rajbhar) के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि श्री सुखदेव राजभर एक वरिष्ठ जनप्रतिनिधि थे। संसदीय नियमों एवं परम्पराओं की उन्हें गहरी जानकारी थी।
सुखदेव राजभर के निधन पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने दुख जताया
अखिलेश ने कहा कि अत्यंत दु:खद! यूपी विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ राजनेता सुखदेव राजभर जी का निधन अपूरणीय क्षति। शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना, दिवंगत आत्मा को शांति दे भगवान! ‘सामाजिक न्याय’ को समर्पित आप का राजनीतिक जीवन सदैव प्रेरणा देता रहेगा। विनम्र श्रद्धांजलि!
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के निधन से ना केवल पार्टी को झटका लगा। बल्कि पिछड़ों ने भी एक अच्छा नेता खो दिया। उनके निधन से क्षेत्र में शोक की लहर है लालगंज के बसपा बिधायक एवं सुखदेव के करीबियों में से एक आजाद अरिमर्दन, पूर्व ब्लाक प्रमुख मास्टर अलीम ने गहरा दुख प्रकट किया है।
सुखदेव राजभर (Sukhdev Rajbhar) लालगंज क्षेत्र से चार बार विधायक रहे। सुखदेव राजभर (Sukhdev Rajbhar) ने अपना पहला चुनाव साल 1991के विधान सभा चुनाव में भाजपा के नरेन्द्र सिंह को 24 मतों से पराजित कर जीता और विधायक बने थे। 1993 में सपा-बसपा गठबंधन की सरकार में मंत्री बने। 1996 के चुनाव में भाजपा के नरेन्द्र सिंह से पराजित हुए। पराजित होने के बाद विधान परिषद सदस्य चुन लिए गए।
2002 के चुनाव और 2007के चुनाव में फिर से जीते थे। लालगंज विधान सभा सुरक्षित हो जाने पर 2012 में दीदारगंज विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और सपा के आदिल शेख से चुनाव हार गए। 2017 में पुनः दीदारगंज से चुनाव लड़े और जीत गए।
मायावती, कल्याण सिंह और मुलायम कैबिनेट में सुखदेव राजभर रहे मंत्री
सुखदेव राजभर (Sukhdev Rajbhar) मायावती, कल्याण सिंह और मुलायम सिंह यादव की कैबिनेट में मंत्री भी रहे। प्रदेश की 11वीं, 12वीं, 14वीं, 15वीं और 17वीं विधान सभा में विधायक रहे सुखदेव राजभर का जन्म 5 सितम्बर 1951 को आजमगढ़ के बडगहन में हुआ था। बीएससी व एलएलबी की शिक्षा प्राप्त सुखदेव राजभर (Sukhdev Rajbhar) ने अपने सफर की शुरूआत वकालत से की थी। एक पुत्र व पांच पुत्रियों के पिता सुखदेव राजभर मई-जून 1991 में हुए 11वीं विधान सभा के चुनाव में पहली बार विधायक बने। वह अनुसूचित जातियों, जन जातियों और विमुक्त जातियां सम्बंधी समिति के सदस्य भी रहे।
अप्रैल-मई 1993 में बारहवीं विधान सभा के मध्यावधि चुनाव में दूसरी बार विधायक बने और 1993 से 1995 तक मुलायम सिंह यादव व मायावती के मंत्रिमण्डल में सहकारिता, माध्यमिक, बेसिक शिक्षा व प्रौढ़ शिक्षा विभाग के राज्य मंत्री रहे। जनवरी 1997 में विधान परिषद के सदस्य चुने गये और तत्कालीन कल्याण सिंह मंत्रिमण्डल में मंत्री रहे। फरवरी 2002 तक वह एमएलसी रहे। फरवरी 2002 में चौदहवीं विधान सभा के चुनाव में तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुए। मई 2002 से अगस्त 2003 तक संसदीय कार्य मंत्री रहे, इसके तत्कालीन मायावती मंत्रिमण्डल (Mayawati Cabinet) में वस्त्रोद्योग व रेशम विभाग के मंत्री रहे।
2002 से 2003 के बीच विधान सभा की नियम समिति के सदस्य रहे। 2002 से 2004 के बीच कार्य मंत्रणा समिति के सदस्य रहे। 2005 से 2012 के बीच पन्द्रहवीं विधान सभा के चौथी बार सदस्य चुने गये। 2007 से 2012 के बीच प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष पद को सुशोभित किया।