HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. दिल्ली
  3. सुप्रीम कोर्ट से लोकपाल को हाई कोर्ट के जजों की जांच से किया बेदखल, साथ ही केंद्र सरकार और लोकपाल रजिस्ट्रार को जारी किया नोटिस

सुप्रीम कोर्ट से लोकपाल को हाई कोर्ट के जजों की जांच से किया बेदखल, साथ ही केंद्र सरकार और लोकपाल रजिस्ट्रार को जारी किया नोटिस

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) गुरुवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए लोकपाल (Lokpal) के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें उसने खुद को हाई कोर्ट के मौजूदा जजों की जांच करने का अधिकारी बताया था। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस आदेश को बेहद परेशान करने वाला करार देते हुए केंद्र सरकार (Central Government) और लोकपाल के रजिस्ट्रार (Registrar of Lokpal) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) गुरुवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए लोकपाल (Lokpal) के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें उसने खुद को हाई कोर्ट के मौजूदा जजों की जांच करने का अधिकारी बताया था। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस आदेश को बेहद परेशान करने वाला करार देते हुए केंद्र सरकार (Central Government) और लोकपाल के रजिस्ट्रार (Registrar of Lokpal) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

पढ़ें :- Prayagraj Bulldozer Action : सुप्रीम कोर्ट की योगी सरकार और PDA को फटकार, कहा-पीड़ितों को 10-10 लाख रुपये हर्जाना दो

क्या है पूरा मामला?

लोकपाल (Lokpal) ने 27 जनवरी को एक आदेश जारी कर हाई कोर्ट के एक मौजूदा अतिरिक्त न्यायाधीश के खिलाफ दो शिकायतों पर कार्रवाई की बात कही थी। इन शिकायतों में आरोप था कि संबंधित जज ने एक निजी कंपनी के पक्ष में फैसला लेने के लिए राज्य के एक अतिरिक्त जिला न्यायाधीश और हाई कोर्ट के एक अन्य न्यायाधीश को प्रभावित किया। दिलचस्प बात यह है कि जिस कंपनी के पक्ष में फैसले को प्रभावित करने का आरोप है, वह उसी जज की मुवक्किल रह चुकी थी, जब वे वकालत करते थे।

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का सख्त रुख न्यायमूर्ति बी आर गवई (Justice B R Gavai) की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस आदेश का स्वत: संज्ञान लिया। कोर्ट ने लोकपाल के इस कदम को न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए चुनौती मानते हुए तुरंत दखल दिया। पीठ में शामिल न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति अभय एस ओका ने शिकायतकर्ता को न्यायाधीश का नाम उजागर करने से रोक दिया और यह भी हिदायत दी कि इस मामले से जुड़ी शिकायत को पूरी तरह गोपनीय रखा जाए। गौरतलब है कि लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 (Lokpal and Lokayuktas Act 2013) के तहत भ्रष्टाचार के मामलों में जांच का अधिकार लोकपाल को दिया गया है, लेकिन क्या वह मौजूदा जजों की जांच कर सकता है? यही सवाल अब कानूनी गलियारों में चर्चा का केंद्र बन गया है।

पढ़ें :- Video-अब स्टैंडअप कॉमेडियन स्वाति सचदेवा ने अपनी मां को लेकर शो में सुनाया अश्लील जोक, यूजर बोले-पैरेंट्स पर ऐसी घटिया कॉमेडी?
इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...