Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) शुक्रवार को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के एक प्रावधान की संवैधानिक वैधता की जांच (Constitutional Validity Check) करने के लिए सहमत हो गया, जो किसी विधायक-सांसद की अयोग्यता की अवधि को हटाने या कम करने के लिए चुनाव आयोग को शक्ति देता है।
Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) शुक्रवार को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के एक प्रावधान की संवैधानिक वैधता की जांच (Constitutional Validity Check) करने के लिए सहमत हो गया, जो किसी विधायक-सांसद की अयोग्यता की अवधि को हटाने या कम करने के लिए चुनाव आयोग को शक्ति देता है।
मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित (Chief Justice Uday Umesh Lalit) और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी (Justice Bela M Trivedi) की पीठ ने एनजीओ लोक प्रहरी द्वारा अपने महासचिव और पूर्व आईएएस अधिकारी एसएन शुक्ला (Former IAS officer SN Shukla) के माध्यम से दायर एक जनहित याचिका पर केंद्र और चुनाव आयोग (Election Commission) को नोटिस जारी किया। अधिनियम का विवादित प्रावधान अयोग्यता की अवधि को हटाने या कम करने पर आयोग की शक्ति से संबंधित है।
प्रावधान के अनुसार, चुनाव आयोग (Election Commission) अध्याय 1 (धारा 8 ए के तहत छोड़कर) के तहत किसी भी अयोग्यता को हटा सकता है या ऐसी किसी भी अयोग्यता की अवधि को कम कर सकता है। शुक्ला ने शुरुआत में कहा कि इस प्रावधान को या तो रद्द करने की जरूरत है। जनहित याचिका (Public Interest litigation) पर नोटिस जारी करने से पहले पीठ ने मौखिक रूप से कहा कि धारा 11 के बारे में इतना गलत क्या है। संसद ने खुद महसूस किया कि सत्ता भारत के चुनाव आयोग (Election Commission) को सौंपी जा सकती है। पीठ ने अब जनहित याचिका पर सुनवाई 5 दिसंबर को तय की है।