बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) के बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भी मंगलवार को पाकिस्तान के कलाकारों को प्रतिबंधित करने की मांग खारिज कर दी है। कोर्ट में दायर याचिका में अपील की गई थी कि पाकिस्तानी कलाकारों को भारत में प्रदर्शन या काम करने की अनुमति न दी जाए।
नई दिल्ली। बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) के बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भी मंगलवार को पाकिस्तान के कलाकारों को प्रतिबंधित करने की मांग खारिज कर दी है। कोर्ट में दायर याचिका में अपील की गई थी कि पाकिस्तानी कलाकारों को भारत में प्रदर्शन या काम करने की अनुमति न दी जाए। कलाकारों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने फटकार लगाते हुए याचिकाकर्ता से कहा कि इतनी छोटी सोच नहीं रखनी चाहिए।
इस अपील पर जोर न दें
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने फैज अनवर कुरैशी के तरफ से दायर याचिका को खारिज कर दिया है। पीठ ने कहा कि वह बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते हैं। जानकारी के अनुसार फैज अनवर कुरैशी एक सिने कार्यकर्ता और कलाकार होने का दावा करते हैं। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कुरैशी से कहा कि आपको इस अपील पर बार-बार जोर नहीं देना चाहिए। आपको इतनी छोटी सोच नहीं रखनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने याचिकाकर्ता के खिलाफ हाईकोर्ट द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों को हटाने की दलील देने से भी इनकार कर दिया।
इससे पहले, बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने पाकिस्तान के कलाकारों को प्रतिबंधित करने की मांग खारिज कर दी थी। कोर्ट ने ‘देशभक्ति’ के इजहार पर भी अहम टिप्पणी की थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि देशभक्त होने के लिए किसी को विदेश से, विशेषकर पड़ोसी देश से आए लोगों या कलाकारों के प्रति शत्रुतापूर्ण होने की जरूरत नहीं है।
किन लोगों पर प्रतिबंध की मांग
याचिका में केंद्र सरकार को यह निर्देश देने की मांग की गई थी कि किसी भी पाकिस्तानी कलाकार पर, भारतीय नागरिकों, कंपनियों, फर्मों और एसोसिएशनों में काम पर रखने, काम ऑफर करने, उनकी किसी भी सेवा को लेने या किसी भी एसोसिएशन में प्रवेश करने आदि पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया जाए। जिन लोगों पर प्रतिबंध की मांग की गई है, इनमें सिने कर्मी, गायक, संगीतकार, गीतकार और तकनीशियन शामिल हैं।
देशभक्त होने के लिए दुश्मनी जरूरी नहीं
बंबई की अदालत ने याचिका खारिज कर अपनी टिप्पणी में कहा था कि सांस्कृतिक सद्भाव, एकता और शांति को बढ़ावा देने की दिशा में उठाया गया कदम नहीं है। ये काफी पीछे की तरफ खींचने जैसी मांग है। याचिका में कोई योग्यता नहीं है। हाईकोर्ट ने कहा था कि किसी को यह समझना चाहिए कि देशभक्त होने के लिए, किसी को विदेश खासकर पड़ोसी देश के लोगों के प्रति शत्रुतापूर्ण होने की जरूरत नहीं है।
क्रिकेट वर्ल्डकप में पाक के खेलने का जिक्र
बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) की खंडपीठ ने आदेश में कहा था कि कला, संगीत, खेल, संस्कृति, नृत्य आदि ऐसी गतिविधियां हैं जो राष्ट्रीयताओं, संस्कृतियों और राष्ट्रों से ऊपर उठती हैं। वास्तव में इनसे देशों के बीच शांति, एकता और सद्भाव बढ़ता है। कोर्ट ने आगे कहा था कि भारत में आयोजित होने वाले क्रिकेट विश्व कप 2023 में पाकिस्तान क्रिकेट टीम (Pakistan Cricket Team) हिस्सा ले रही है। ऐसा केवल अनुच्छेद 51 के अनुरूप समग्र शांति और सद्भाव के हित में भारत सरकार की तरफ से उठाए गए सराहनीय और सकारात्मक कदमों के कारण हुआ है।