सूर्य देव जगत के आधार है। ब्रह्मांड में जीवन और वनस्पतियां सूर्य के प्रकाश से ही जीवित रहती है। मानव जीवन का मूल आधार सूर्य है। ग्रह मंडल के राजा सूर्य देव को आत्मा का कारक माना जाता है।
Surya Grah Horoscope : सूर्य देव जगत के आधार है। ब्रह्मांड में जीवन और वनस्पतियां सूर्य के प्रकाश से ही जीवित रहती है। मानव जीवन का मूल आधार सूर्य है। ग्रह मंडल के राजा सूर्य देव को आत्मा का कारक माना जाता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में सूर्य देव की स्थिति मजबूत होने से जीवन में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, लेकिन वहीं जब कुंडली में सूर्य की स्थिति कमजोर हो जाती है तो व्यक्ति को हर कार्य में असफलता मिलने लगती है। धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है कि सूर्य देव की विधि विधान से पूजा अर्चना करने से जीवन में मनचाही सफलता प्राप्त होती है। सप्ताह का दिन रविवार सूर्य देव समर्पित है। इस दिन नियम पूर्वक सूर्य की पूजा करने से जीवन में बदलाव आता है। आइये जानते है कि कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होने से क्या-क्या लाभ मिलते हैं। साथ ही कमजोर सूर्य को किस तरह से मजबूत किया जा सकता है।
कुंडली में सूर्य का महत्व
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य देव को ग्रहों का राजा माना गया है। साथ ही सूर्य देव सिंह राशि के स्वामी ग्रह भी है। वहीं तुला राशि सूर्य देव की नीच राशि मानी गई है। कुंडली में सूर्य देव की स्थिति मजबूत होने से मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा और यश की प्राप्ति होती है। वहीं किसी महिला की कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है तो उसका पति सफलता का कदम चूमता है। इन्हीं सब कारणों से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत करने के लिए कई तरह के उपाय भी किए जाते हैं। क्योंकि कुंडली में जब सूर्य मजबूत होता है तो हर कार्य में सफलता भी मिलता है।
सूर्य को मजबूत करने के उपाय
1.रविवार के दिन सूर्य की पूजा और मंत्रों का जाप करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं। सूर्य पूजन के लिए तांबे के लोटे में स्वच्छ जल , लाल चंदन और लाल फूल ड़ाल कर ॐ सूर्याय नमः मंत्र का जप करते हुए सूर्य को प्रणाम करें।
2.वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य देव को कुंडली में मजबूत बनाने के लिए गाय का दान करना चाहिए। साथ ही दान में गुड़, सोना, गेहूं और तांबा का भी दान करना चाहिए। मान्यता है कि इन चीजों का दान करना बेहद शुभ होता है।
3.तांबे की थाली में दीपक और लोटा रख लें। लोटे से सूर्य देवता को जल चढ़ाएं। सूर्य मंत्र का जप करते रहें। अर्घ्य समर्पित करते समय नजरें लोटे के जल की धारा की ओर रखें। जल की धारा में सूर्य का प्रतिंबिंब एक बिंदु के रूप में जल की धारा में दिखाई देगा।
4.ज्योतिषियों के अनुसार, रविवार को सोने, तांबे या चांदी की अंगूठी सूर्योदय से पहले पहनें।
5.सूर्य देव की आरती करें। सात प्रदक्षिणा करें व हाथ जोड़कर प्रणाम करें। उगते हुए सूर्य को प्रणाम और दर्शन करने से हमारे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। हमारी दिनचर्या नियामत बनती है। कारोबार में सफलता प्राप्त होती है।