स्वतंत्रता दिवस समारोह (Independence Day Celebration) को लेकर तमिलनाडु (Tamil Nadu) में विवाद शुरू हो गया है। राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (Tamil Nadu CM MK Stalin) ने राज्यपाल रवि द्वारा आयोजित स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम (Independence Day Program) का बहिष्कार करने का फैसला किया है।
नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस समारोह (Independence Day Celebration) को लेकर तमिलनाडु (Tamil Nadu) में विवाद शुरू हो गया है। राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (Tamil Nadu CM MK Stalin) ने राज्यपाल रवि द्वारा आयोजित स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम (Independence Day Program) का बहिष्कार करने का फैसला किया है। बता दें कि 17 साल के नीट अभ्यर्थी जेगदीश्वरन और उनके पिता सेल्वाशेखर की मौत का हवाला देते हुए, सीएम एमके स्टालिन (CM MK Stalin)ने कहा कि उन्हें आश्चर्य है कि सभी को ऐसी आजादी मिली है।
सीएम एमके स्टालिन (CM MK Stalin) ने कहा कि नीट के विरोध वाले विधेयक पर राज्यपाल ने हस्ताक्षर करने से इनकार कर लोगों के सात साल लंबे विरोध और संघर्ष का अपमान किया है। इसलिए वो स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम (Independence Day Celebration) में हिस्सा नहीं लेंगे। सीएम एमके स्टालिन (CM MK Stalin) ने यह भी कहा कि वह विधेयक पर सहमति के लिए राष्ट्रपति मुर्मू को वो पत्र भेज रहे हैं।
सीएम एमके स्टालिन (CM MK Stalin) ने कहा कि ‘द्रविड़म, आर्यन, डीएमके, वल्लुवर, वल्लालार और सनातन के बारे में राज्यपाल जो भी बोलते हैं। हमें उससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि हम इसे केवल उनका आर्यन प्रलाप मानते हैं, लेकिन अगर कोई नियुक्त व्यक्ति यह दावा करता है कि वह गरीब पृष्ठभूमि से आने वाले सरकारी स्कूल के छात्रों के सपनों को ध्वस्त कर देगा, तो हम इसे शिक्षा प्रणाली पर हमला मानेंगे।
सीएम एमके स्टालिन (CM MK Stalin) ने कहा कि तमिल छात्रों का भविष्य हमारे लिए महत्वपूर्ण है। हम उनमें से नहीं हैं जो इस साल यहां रहेंगे और अगले साल कहीं और चले जायेंगे। उन्होंने कहा कि डीएमके सत्ता में रहे या ना रहे, लेकिन लोगों के लिए आवाज उठाती रहेगी। सीएम एमके स्टालिन ने कहा कि राज्यपाल विश्वविद्यालयों को नष्ट कर रहे हैं।
उच्च शिक्षा को भ्रमित कर रहे हैं और विधानसभा में पारित विधेयकों को मंजूरी नहीं दे रहे हैं जिसके लिए हम उनकी निंदा करते हैं। इसी वजह से उन्होंने स्वतंत्रता दिवस समारोह (Independence Day Celebration) का बहिष्कार करने का फैसला किया है। बता दें कि 17 साल के नीट अभ्यर्थी जेगदीश्वरन ने मेडिकल की पढ़ाई के लिए दो बार नीट की परीक्षा दी लेकिन वो पास नहीं कर पाया था। इसके बाद उसने खुदकुशी कर ली थी। बेटे की मौत के अगले दिन उसके पिता ने भी अपनी जान दे दी थी।