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टास्क फोर्स ने डॉक्टरों की सुरक्षा पर सौंपी रिपोर्ट, आरजी कर केस को बंगाल से ट्रांसफर करने से SC का इनकार

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल (RG Kar Medical College Hospital) में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  में एक याचिका पर सुनवाई शुरू हुई। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  की पीठ ने बीते 8-9 अगस्त की दरम्यानी रात हुई वारदात के मामले में अब तक की जांच की प्रगति पर सीबीआई (CBI) की तरफ से दाखिल स्टेटस रिपोर्ट देखी।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल (RG Kar Medical College Hospital) में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  में एक याचिका पर सुनवाई शुरू हुई। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  की पीठ ने बीते 8-9 अगस्त की दरम्यानी रात हुई वारदात के मामले में अब तक की जांच की प्रगति पर सीबीआई (CBI) की तरफ से दाखिल स्टेटस रिपोर्ट देखी।

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राष्ट्रीय टास्क फोर्स ने भी रिपोर्ट पेश की

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि कोलकाता की अदालत ने मुख्य आरोपी संजय रॉय (Main accused Sanjay Roy) के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। अदालत ने साफ किया कि मामले की जांच चल रही है, इसलिए पीठ फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती। इससे पहले स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा पर प्रोटोकॉल बनाने के लिए गठित राष्ट्रीय टास्क फोर्स (National Task Force)  ने भी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अपनी रिपोर्ट पेश की। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राष्ट्रीय टास्क फोर्स (National Task Force) की रिपोर्ट को सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझा करने को कहा।

मुकदमे को स्थानांतरित करने से इनकार

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने राष्ट्रीय टास्क फोर्स (National Task Force)  की रिपोर्ट को सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझा करने को कहा। साथ ही कोर्ट ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) से बाहर मुकदमे को स्थानांतरित करने से भी इनकार कर दिया। रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता के परिजनों ने कोर्ट में तर्क दिया था कि कथित प्रभाव और जन भावनाओं के कारण पश्चिम बंगाल (West Bengal) में मामले की निष्पक्ष सुनवाई मुश्किल है, इसलिए न्यायिक प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए केस को ट्रांसफर कर दिया जाए। हालांकि, कोर्ट ने इससे इनकार करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल (West Bengal) की न्यायपालिका ऐसे मामलों को निष्पक्षता से संभालने में सक्षम है।

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