तेलंगाना विधानसभा चुनाव (Telangana Assembly Elections) में इन दिनों हर पार्टी के उम्मीदवार अपनी अपनी जीत के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। प्रदेश में बीजेपी (BJP), कांग्रेस (Congress), बीआरएस (BRS )के बीच मुकाबला है। वहीं असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM भी चुनावी रण में उतरी है।
नई दिल्ली। तेलंगाना विधानसभा चुनाव (Telangana Assembly Elections) में इन दिनों हर पार्टी के उम्मीदवार अपनी अपनी जीत के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। प्रदेश में बीजेपी (BJP), कांग्रेस (Congress), बीआरएस (BRS )के बीच मुकाबला है। वहीं असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM भी चुनावी रण में उतरी है। चुनाव में हर पार्टी की नजर मुस्लिम वोटों पर है। सभी दल इन्हें साधने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। इस बीच तेलंगाना मुस्लिम संयुक्त कार्रवाई समिति (Joint Action Committee) ने कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा की है।
तेलंगाना मुस्लिम संयुक्त कार्रवाई समिति (JAC) की इस घोषणा के मुताबिक, समिति ने आगामी विधानसभा चुनाव में प्रदेश के सभी मुसलमानों से अपील की है कि सभी लोग कांग्रेस के हक में मतदान करें और अपनी ताकत दिखाएं। समिति का मानना है कि अगर राज्य में कांग्रेस की सरकार बनती है तो ये फैसला जेएसी (JAC) के मुस्लिम घोषणापत्र की मांगों को लागू करने के लिए कांग्रेस पर दबाव बनाने में एक अहम किरदार अदा करेगा।
जेएसी का कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान
जेएसी (JAC) के राज्य संयोजक सैयद सलीम पाशा और सह-संयोजक शेख यूसुफ बाबा का कहना है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में समिति का रुख किस तरफ होगा ये इस बात पर निर्भर करेगा कि कांग्रेस सरकार पर मुस्लिम समुदाय के प्रति किए अपने वादों को कितनी शिद्दत के सथ पूरा करती है।
जेएसी (JAC) नेताओं ने बताया कि कांग्रेस पार्टी की अल्पसंख्यक घोषणा मसौदा समिति (Minority Declaration Drafting Committee) ने उनसे संपर्क किया था। उन्होंने मुस्लिम जेएसी (JAC) घोषणा में शामिल उनकी आठ प्रमुख मांगों को अपनी अल्पसंख्यक घोषणा में शामिल किया। उन्होंने कहा कि 11 नवंबर को जेएसी की राज्य समिति और जिला समितियों के प्रमुखों की बैठक हुई थी इस दौरान बताया गया था कि ज्यादातर लोगों का झुकाव कांग्रेस पार्टी की तरफ है। ऐसे में कांग्रेस का समर्थन करने का फैसला किया गया।
‘BRS ने की मुस्लिम समुदाय की अनदेखी’
उधर तेलंगाना मुस्लिम संयुक्त कार्रवाई समिति ने बीआरएस (BRS) पर मुस्लिम समुदाय की अनदेखी करने का आरोप लगाया। समिति का कहना है कि राज्य की बीआरएस सरकार ने जानबूझकर मुस्लिम आबादी के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं की अनदेखी की।
BRS और AIMIM को झटका
मुस्लिम संयुक्त कार्रवाई समिति का ये ऐलान राज्य में बीआरएस और ओवैसी की AIMIM के लिए एक बड़ा झटका है। वहीं कांग्रेस के लिए जेएसी का साथ चुनाव में काफी फायदेमंद हो सकता है। राज की सत्ता पर काबिज होने के लिए सभी की नजर मुस्लिम वोट बैंक पर है। बीजेपी ने मुस्लिम आरक्षण को खत्म करने और कॉमन सिविल कोड (UCC) का वादा करके अलग दांव खेला है। तो वहीं केसीआर ने मुसलमानों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू कीं हैं। कांग्रेस ने मुस्लिम समुदाय को अपरने पक्ष में करने के लिए एक अलग से घोषणा पत्र जारी किया है।
मुस्लिम वोटों पर सभी की नजर
आपको बता दें कि तेलंगाना की कुल 3.51 करोड़ आबादी में 13 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं।राज्य की 119 विधानसभा सीटों में करीब 45 विधानसभा सीटों पर मुस्लिमों का खासा प्रभाव है।ऐसे में सभी की नजर इन वोटों पर है, ताकि राज्य की सत्ता पर काबिज होने में आसानी हो सके। गौरतलब है कि तेलंगाना में 30 नवंबर को 119 विधानसभा सीटों के लिए मतदान किया जाएगा। जबकी वोटोंकी गिनती 3 दिसंबर को की जाएगी, वहीं नतीजे भी 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। ऐसे में बीजेपी, कांग्रेस, बीआरएस और AIMIM सभी दल ताबड़तोड़ रैलिया कर रहे हैं।