उत्तर प्रदेश के हाथरस में बाबा सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई थी। इस मामले में पुलिस की चार्जशीट पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने सवाल उठाया है। उन्होंने कहा, चार्जशीट में सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा का नाम नहीं होना साबित करता है ऐसे लोगों को राज्य सरकार का संरक्षण है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस में बाबा सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई थी। इस मामले में पुलिस की चार्जशीट पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने सवाल उठाया है। उन्होंने कहा, चार्जशीट में सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा का नाम नहीं होना साबित करता है ऐसे लोगों को राज्य सरकार का संरक्षण है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, यूपी के हाथरस में 2 जुलाई को हुए सत्संग भगदड़ काण्ड में 121 लोगों जिनमें अधिकतर महिलाओं व बच्चों की मृत्यु के सम्बंध दाखिल चार्जशीट में सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा का नाम नहीं होना जनविरोधी राजनीति, जिससे साबित है कि ऐसे लोगों को राज्य सरकार का संरक्षण है, जो अनुचित।
1. यूपी के हाथरस में 2 जुलाई को हुए सत्संग भगदड़ काण्ड में 121 लोगों जिनमें अधिकतर महिलाओं व बच्चों की मृत्यु के सम्बंध दाखिल चार्जशीट में सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा का नाम नहीं होना जनविरोधी राजनीति, जिससे साबित है कि ऐसे लोगों को राज्य सरकार का संरक्षण है, जो अनुचित। 1/2
— Mayawati (@Mayawati) October 3, 2024
उन्होंने आगे लिखा, मीडिया के अनुसार सिकन्दराराऊ की इस दर्दनाक घटना को लेकर 2,300 पेज की चार्जशीट में 11 सेवादारों को आरोपी बनाया गया है, किन्तु बाबा सूरजपाल के बारे में सरकार द्वारा पहले की तरह चुप्पी क्या उचित? ऐसे सरकारी रवैये से ऐसी घटनाओं को क्या आगे रोक पाना संभव? आमजन चिन्तित।