बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और ‘हम’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कहा कि वह 'कॉमन सिविल कोड' के पक्षधर हैं, लेकिन उससे ज्यादा जरूरी देश में 'कॉमन एजुकेशन सिस्टम' लागू कराना है। विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर रविवार को ट्वीट कर उन्होंने इस मसले पर अपनी बात रखी।
पटना। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और ‘हम’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कहा कि वह ‘कॉमन सिविल कोड’ के पक्षधर हैं, लेकिन उससे ज्यादा जरूरी देश में ‘कॉमन एजुकेशन सिस्टम’ लागू कराना है। विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर रविवार को ट्वीट कर उन्होंने इस मसले पर अपनी बात रखी।
जीतन राम मांझी ने बढ़ती आबादी के पीछे सबसे बड़ा कारण अशिक्षा और गरीबी को बताया है। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा जरूरी है कि देश में कॉमन स्कूलिंग सिस्टम को लागू किया जाए, जिससे कई समस्याओं का समाधान हो जाएगा। इसके पहले भी ‘कॉमन स्कूलिंग सिस्टम’ के लिए जीतन राम मांझी मांग कर चुके हैं।
मैं कॉमन सिविल कोड का पक्षधर हूं पर उससे ज्यादा जरूरी देश में कॉमन एजुकेशन सिस्टम लागू कराना है।
बढती आबादी का सबसे बडा कारण अशिक्षा और गरीबी है,इसलिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि देश में कॉमन स्कुलिंग सिस्टम को लागू किया जाए जिससे कई समस्याओं का समाधान हो जाएगा।— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) July 11, 2021
इस मामले में हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) ‘कॉमन सिविल कोड’ के पक्ष में है, लेकिन इससे ज्यादा जरूरी देश में ‘कॉमन स्कूलिंग सिस्टम’ को लागू कराना है। देश में कई तरह की समस्याएं हैं। उसका एक मात्र उपाय है ‘कॉमन स्कूलिंग सिस्टम’।
दानिश रिजवान ने कहा कि बढ़ती हुई जनसंख्या की अगर बात की जाए तो इसके लिए देश में सबसे ज्यादा जरूरी चीज है कि लोगों को शिक्षित किया जाए। देश में अशिक्षा के कारण गरीबी बढ़ रही है। इसलिए सबसे ज्यादा जरूरी अगर देश में कानून की जरूरत है तो वह है ‘कॉमन स्कूलिंग सिस्टम’ ही है। कहा कि सबको बराबरी की शिक्षा मिले तो देश के कई समस्याओं का समाधान हो जाएगा।