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भाजपा सरकार से आग्रह है ‘बाबा विश्वनाथ जी’ के दर्शन पर शुल्क लगाकर ग़रीबों, सच्चे भक्तों से ‘दर्शन का अधिकार’ न छीने: अखिलेश यादव

‘भाजपा सरकार से आग्रह है कि ‘बाबा विश्वनाथ जी’ के दर्शन पर शुल्क लगाकर ग़रीबों, सच्चे भक्तों व आम जनता से ‘दर्शन का अधिकार’ न छीने। भाजपा ने धर्म को व्यापार बना लिया है। निंदनीय‘!

By शिव मौर्या 
Updated Date

लखनऊ। सवान महीने की शुरूआत होने से पहले ही काशी में बाबा विश्वनाथ के धाम में कई खास इंतजाम शुरू हो गए हैं। सावन का महीना दो माह का होने के कारण श्रद्धालुओं को आठ सोमवार जलाभिषेक के लिए मिलेंगे। वहीं पहली बार भगवान शिव के आठ स्वरूपों के दर्शन भी होंगे। इन सबके बीच सावन में मंदिर प्रशासन ने आरती, दर्शन, अभिषेक और श्रृंगार का शुल्क बढ़ा दिया है। सावन के सोमवार को मंगला आरती के टिकट चार गुना महंगे कर दिए गए हैं। 500 रुपये में मिलने वाली मंगला आरती के टिकट का शुल्क दो हजार कर दिया गया है।

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इसके अलावा सुगम दर्शन, रुद्राभिषेक, संन्यासी भोग और सावन के श्रृंगार का शुल्क भी बढ़ाया गया है। इसको लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि, ‘भाजपा सरकार से आग्रह है कि ‘बाबा विश्वनाथ जी’ के दर्शन पर शुल्क लगाकर ग़रीबों, सच्चे भक्तों व आम जनता से ‘दर्शन का अधिकार’ न छीने। भाजपा ने धर्म को व्यापार बना लिया है। निंदनीय‘!

मंदिर प्रशासन ने शनिवार को बढ़ी हुई दरों की सूची जारी कर दी है, जिसके मुताबिक, सावन में सुगम दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को पांच सौ रुपये, मंगला आरती के लिए एक हजार, मध्याह्न भोग आरती के लिए 500 रुपये, सप्तर्षि आरती के लिए 500, भोग आरती के लिए 500 रुपये देने होंगे।

इसी तरह एक शास्त्री से रुद्राभिषेक कराने के लिए 700, पांच शास्त्री से रुद्राभिषेक के लिए 2100 रुपये, संन्यासी भोग के लिए 4500 रुपये शुल्क निर्धारित किए गए हैं। वहीं सावन के सोमवार पर सुगम दर्शन के लिए 750 रुपये, मंगला आरती के लिए 2000 रुपये, पांच शास्त्री से रुद्राभिषेक के लिए 3000 रुपये, संन्यासी भोग के लिए 7500 रुपये और श्रृंगार के लिए 20 हजार रुपये शुल्क देने होंगे।

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