HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. मध्य प्रदेश
  3. मंत्रि-परिषद ने प्रदेश और निवेशकों के हित में दी अनेक नीतियों को मंजूरी

मंत्रि-परिषद ने प्रदेश और निवेशकों के हित में दी अनेक नीतियों को मंजूरी

राज्य में आर्थिक गतिविधियों को बढावा मिलेगा एवं रोजगार के अवसर सृजित होंगे और राज्य की जी.डी.पी. में वृद्धि होगी। एकीकृत टाउनशिप नीति लैंड पूलिंग के माध्यम से भूमि का विकास करने के उ‌द्देश्य से बनायी गयी है।

By Shital Kumar 
Updated Date

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा शहरी क्षेत्र में रियल स्टेट से संबंधित निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए “एकीकृत टाउनशिप नीति 2025” लागू किये जाने की स्वीकृति दी गयी।

पढ़ें :- सबसे अच्छी मानी जाती है वैरायटी फिर भी सस्ता हो गया शरबती गेहूं

इससे राज्य में आर्थिक गतिविधियों को बढावा मिलेगा एवं रोजगार के अवसर सृजित होंगे और राज्य की जी.डी.पी. में वृद्धि होगी। एकीकृत टाउनशिप नीति लैंड पूलिंग के माध्यम से भूमि का विकास करने के उ‌द्देश्य से बनायी गयी है। नीति के लागू होने से जहां एक ओर वृहद स्वरूप की टाउनशिप विकसित होगी, वहीं दूसरी ओर प्रचलित प्रक्रिया अनुसार भी कॉलोनियों का विकास यथावत होता रहेगा।

निर्णय अनुसार एकीकृत टाउनशिप को विकास के उन क्षेत्रों में लागू किया जाएगा जहां इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस नीति में 5 लाख से कम आबादी वाले शहरों के लिए भूमि की न्यूनतम अर्हता 10 हेक्टेयर और 5 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के लिए भूमि की न्यूनतम अर्हता 20 से 40 हेक्टेयर होगी। डेवलपर को इस नीति में सक्षम प्राधिकारी के साथ पंजीयन कराना आवश्यक होगा। टाउनशिप प्रस्ताव अनुमोदन के लिए राज्य स्तर पर प्रमुख सचिव एवं जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में साधिकार समिति गठित की जायेगी। टाउनशिप नीति के क्रियान्वयन के लिए नोडल एजेंसी संचालनालय, नगर तथा ग्राम निवेश होगी।

टाउनशिप नीति में राज्य सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण, बाह्य विकास कार्य, समय पर समस्त अनुमतियां प्रदाय कराना, टीडीआर का लाभ, कृषि भूमि की अधिकतम सीमा में छूट, स्टॉम्प ड्यूटी पर रियायत, कॉलोनी नियमों में छूट, विकास योजना में संशोधन के लिए प्रक्रिया में आसानी, ग्रीन एफएआर, ऊर्जा के गैर-परंपरागत उपयोग के लिए एफएआर, अतिरिक्त ईडब्ल्यूएस/एलआईजी / किफायती आवास इकाइयों के लिए एफएआर तथा अंगीकृत विकास योजना में प्रस्तावित भूमि उपयोग में अधिनियम 1973 की धारा-23 के अंतर्गत उपांतरण के लिए विभाग स्तर पर साधिकार समिति को अधिकृत किया गया है। नीति से प्रदेश में व्यवस्थित शहरीकरण को बढ़ावा मिलेगा।

मध्यप्रदेश स्टार्ट-अप नीति एवं कार्यान्वयन योजना-2025 का अनुमोदन

पढ़ें :- अनुकंपा नियुक्ति के मामलों में अब नहीं लगेंगे अड़ंगे, ऑनलाइन होगी प्रक्रिया

मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश में स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित करने के लिए मध्यप्रदेश स्टार्ट-अप नीति एवं कार्यान्वयन योजना-2025 का अनुमोदन किया गया। नीति अन्तर्गत स्टार्ट-अप एवं इन्क्यूबेटर्स को वित्तीय एवं गैर वित्तीय सुविधा, सहायता एवं फेसिलिटेशन का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में उपयुक्त स्थान पर एक मेगा इन्क्युबेशन सेंटर का विकास एवं संचालन, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की अग्रणी संस्थाओं के साथ सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) अंतर्गत स्थापित कर इसके सेटेलाईट सेंटर प्रदेश के अन्य स्थानों में भी स्थापित किये जायेंगे।

मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना अंतर्गत स्टार्ट-अप्स को बैंकों के माध्यम से कोलेप्टल-फ्री ऋण उपलब्ध कराकर उन्हें केन्द्र सरकार की ‘स्टार्ट-अप्स के लिये ऋण गारंटी स्कीम अंतर्गत कवरेज तथा प्रचलित दर पर देय गारंटी शुल्क की प्रतिपूर्ति (अधिकतम 05 वर्षों तक) एवं वितरित ऋण पर 05 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज अनुदान प्रतिपूर्ति (अधिकतम 05 वर्षों तक) की जायेगी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में प्रति स्टार्ट-अप 10.2 रोजगार निर्माण हो रहा है। नीति अंतर्गत 10 हजार स्टार्ट-अप की स्थापना की जाना है। इस तरह 1 लाख 2 हजार रोज़गार सृजित हो सकेंगे।

मध्यप्रदेश स्टार्ट-अप पॉलिसी-2025 की प्रमुख विशेषताओं में स्टार्ट-अप के जीवन चक्र के प्रत्येक चरणों (आईडिएशन, वैलिडेशन, अली स्टेज, ग्रोथ) में नीति के माध्यम से सहायता, प्रत्येक स्टार्ट-अप को 12 महीने तक की अवधि के लिए आन्त्रप्रेन्योर-इन-रेसिडेंस (ईआईआर) के रूप में 10 हजार रुपये प्रति माह की वितीय सहायता, 100 करोड़ रूपये का स्टार्ट-अप कैपिटल फंड और प्रति स्टार्ट-अप अधिकतम 30 लाख रूपये तक का सीड अनुदान, विद्युत शुल्क में छूट, रोजगार सृजन प्रोत्साहन और विद्युत टैरिफ में प्रतिपूर्ति सहायता दी जाएगी।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...