अब मृत शासकीय सेवकों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति देने से जुड़े मामलों में बाबू हो या अफसर, कोई भी अड़ंगे नहीं लगा पाएंगे। यदि तय अवधि के बाद फाइलें रोकी तो उसे कार्रवाई के दायरे में लिया जाएगा।अब मृत शासकीय सेवकों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति देने से जुड़े मामलों में बाबू हो या अफसर, कोई भी अड़ंगे नहीं लगा पाएंगे। यदि तय अवधि के बाद फाइलें रोकी तो उसे कार्रवाई के दायरे में लिया जाएगा।
भोपाल। शासकीय विभागों में अनुकंपा नियुक्तियों के मामले में अब कोई भी बाबू या फिर अफसर किसी तरह से अड़ंगे नहीं लगा सकेंगे क्योंकि सरकार अनुकंपा नियुक्ति की प्रक्रिया को ऑनलाइन करने जा रही है। बता दें कि मृत शासकीय सेवकों के परिजनों को संबंधित विभागों में अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रावधान है लेकिन इस मामले में फाइले अटका दी जाती है।
अब मृत शासकीय सेवकों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति देने से जुड़े मामलों में बाबू हो या अफसर, कोई भी अड़ंगे नहीं लगा पाएंगे। यदि तय अवधि के बाद फाइलें रोकी तो उसे कार्रवाई के दायरे में लिया जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार अनुकंपा नियुक्ति के मामलों को अब ऑनलाइन सुनेगी। अनुकंपा नियुक्ति से जुड़ी 100 फीसद प्रक्रिया ऑनलाइन की जा रही है। इस पर परिजनों द्वारा आवेदन से लेकर सुनवाई और पात्रता पूरी करने वाले परिवार के सदस्य को नियुक्ति आदेश सब कुछ ऑनलाइन ही जारी किए जाएंगे।
सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश के बाद विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की एमपीएसईडीसी ने अनुकंपा नियुक्ति संबंधी ऑनलाइन पोर्टल बना दिया है। सभी अपर मुख्य सचिव, मुख्य सचिव, सचिव, उप सचिव और विभाग प्रमुखों को इसकी सूचना भी दी है। यही नहीं, इस पोर्टल को उपयोग करने संबंधी प्रशिक्षण भी दे दिया है। फिलहाल यह प्रशिक्षण विभाग प्रमुखों को दिया है। अनुकंपा से जुड़े आवेदनों की सुनवाई नहीं होना एक बड़ी समस्या रही है। कर्मचारी कल्याण आयोग के पूर्व सदस्य वीरेंद्र खोंगल का कहना है कि ऐसे 5 से 10 हजार आवेदन हैं, जो बीते 20 सालों में आए। इन पर कार्रवाई का आवेदकों को पता ही नहीं चला। इस नई व्यवस्था से लोगों को राहत मिलेगी।