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वन नेशन-वन इलेक्शन का निर्णय संविधान विरोधी है, लोकतंत्र को बचाने के लिये सभी को एकजुट हो जाना चाहिए: स्वामी प्रसाद मौर्य

केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर के बीच संसद का विशेष सत्र बुलाया है। गुरुवार को केंद्रीय संसदी मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इसके बारे में ट्वीट कर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संसद के विशेष सत्र में पांच बैठकें होंगी। अब ​इस विशेष सत्र को लेकर कई तरह की अटकलें चलने लगी हैं। कहा जा रहा है कि, सरकार इस विशेष सत्र में एक देश एक चुनाव पर विधेयक ला सकती है।

By शिव मौर्या 
Updated Date

लखनऊ। केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर के बीच संसद का विशेष सत्र बुलाया है। गुरुवार को केंद्रीय संसदी मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इसके बारे में ट्वीट कर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संसद के विशेष सत्र में पांच बैठकें होंगी। अब ​इस विशेष सत्र को लेकर कई तरह की अटकलें चलने लगी हैं। कहा जा रहा है कि, सरकार इस विशेष सत्र में एक देश एक चुनाव पर विधेयक ला सकती है।

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वहीं, अब इस पर सियासत शुरू हो गयी है। विपक्षी पार्टियों की तरफ से इसको लेकर निशाना साधा जा रहा है। समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने लोकतंत्र को बचाने के लिये सभी को एकजुट हो जाना चाहिए। इससे पहले ​भी विपक्ष के कई नेताओं ने इसको लेकर सरकार पर निशाना साधा था।

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स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर लिखा कि, वन नेशन-वन इलेक्शन का निर्णय संविधान विरोधी है, लोकतंत्र की हत्या कर राजतन्त्र की स्थापना का सरकार का कुत्सित प्रयास है। सरकार के इस निर्णय की घोर भर्तस्ना करता हूं। लोकतंत्र को बचाने के लिये सभी को एकजुट हो जाना चाहिए, गफलत में रहोगे तों संविधान बदल देंगे।

पूर्व राष्ट्रपति की अध्यक्षता में गठित हुई कमेटी
सरकार ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की संभावनाएं तलाशने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। सरकार ने 18 सितंबर से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने के एक दिन बाद यह कदम सामने आया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने पर कई साल से दृढ़ता से जोर दे रहे हैं।

 

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