HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. वरुण गांधी और बीजेपी नेतृत्व में बढ़ी दूरियां, तो कांग्रेस ने किया स्वागत लिखा ‘दुख भरे दिन बीते रे भइया…’

वरुण गांधी और बीजेपी नेतृत्व में बढ़ी दूरियां, तो कांग्रेस ने किया स्वागत लिखा ‘दुख भरे दिन बीते रे भइया…’

पीलीभीत (Pilibhit) से बीजेपी (BJP) सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) किसानों आंदोलन के दौरान हुई हिंसा व अन्य मुद्दों को लेकर लगातार योगी सरकार (Yogi Government)  को चुनौती देते दिख रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस (Congress) के नेताओं ने वरुण गांधी (Varun Gandhi) बगावती रुख को भांपते हुए उनके 'स्वागत' पोस्टर लगा दिए हैं। बता दें कि वरुण गांधी (Varun Gandhi)  के कांग्रेस में जाने की अटकलें मीडिया में तेजी से चल रही हैं।

By संतोष सिंह 
Updated Date

प्रयागराज। पीलीभीत (Pilibhit) से बीजेपी (BJP) सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) किसानों आंदोलन के दौरान हुई हिंसा व अन्य मुद्दों को लेकर लगातार योगी सरकार (Yogi Government)  को चुनौती देते दिख रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस (Congress) के नेताओं ने वरुण गांधी (Varun Gandhi) बगावती रुख को भांपते हुए उनके ‘स्वागत’ पोस्टर लगा दिए हैं। बता दें कि वरुण गांधी (Varun Gandhi)  के कांग्रेस में जाने की अटकलें मीडिया में तेजी से चल रही हैं। ऐसे में यूपी (UP) के प्रयागराज (Prayagraj) में कांग्रेस नेताओं ने एक कदम आगे बढ़ते हुए कुछ पोस्टर्स बनाकर सोशल मीडिया (social media) पर वायरल कर दिए हैं।

पढ़ें :- यह जीत केवल भाजपा गठबंधन की नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में जनता के अटूट भरोसे और विश्वास की है ऐतिहासिक जीत : केशव मौर्य

वरुण गांधी (Varun Gandhi) के स्वागत पोस्टर में लिखा है कि ‘दुःख भरे दिन बीते रे भइया अब सुख आयो रे’। इसमें वरुण गांधी (Varun Gandhi) के साथ-साथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) का भी फोटो है। नीचे इरशाद उल्ला और बाबा अभय अवस्थी की तस्वीर लगी है। दोनों को ही कांग्रेस का वरिष्ठ नेता बताया गया है।

वरुण गांधी (Varun Gandhi) किसानों के मुद्दे पर लगातार पार्टी लाइन से कुछ हटकर बयान दे रहे हैं। उन्होंने लखीमपुर हिंसा (Lakhimpur violence)  मसले पर भी सीएम योगी (CM Yogi) को पत्र लिखकर सीबीआई जांच (CBI Inquiry) की मांग उठाई थी। इसके अलावा घटना का वीडियो शेयर कर भी गुस्सा जाहिर किया था। इससे पहले उन्होंने यूपी सीएम को किसानों की विभिन्न मांगों के संबंध में भी पत्र लिखा था।

क्या वरुण गांधी (Varun Gandhi) और बीजेपी नेतृत्व के बीच दूरियां बढ़ गई हैं? इन अटकलों को बीजेपी के एक ताजा फैसले ने भी हवा दी थी जो कि लखीमपुर हिंसा (Lakhimpur violence) मसले (Lakhimpur violence issue)  पर वरुण के बोलने के बाद लिया गया था। इसमें वरुण गांधी के साथ-साथ उनकी मां मेनका गांधी को भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल नहीं किया गया था। हालांकि, इसपर वरुण गांधी (Varun Gandhi)  की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई, लेकिन किसानों के समर्थन में ट्वीट करना उन्होंने जारी रखा।

पढ़ें :- धांधली से चुनाव जीतनेवाले भाजपाई आज आंख मिलाकर नहीं देख पा रहे यही इंडिया गठबंधन की सबसे बड़ी जीत: अखिलेश यादव
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...