बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो व यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) ने बुधवार को 73वें गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी है। इसके साथ ही कहा कि गणतंत्र की स्थापना का मानवतावादी उद्देश्य 72 साल बाद भी अधूरा है। मायावती (Mayawati) ने कहा कि संविधान को सार्थक बनाने के लिये मेहनतकश लोग तो प्रतिबद्ध हैं, लेकिन सरकारों अमीर गरीब की खाई को पाटने के लिये अभी समर्पित होना जरूरी है।
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो व यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) ने बुधवार को 73वें गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी है। इसके साथ ही कहा कि गणतंत्र की स्थापना का मानवतावादी उद्देश्य 72 साल बाद भी अधूरा है।
मायावती (Mayawati) ने कहा कि संविधान को सार्थक बनाने के लिये मेहनतकश लोग तो प्रतिबद्ध हैं, लेकिन सरकारों अमीर गरीब की खाई को पाटने के लिये अभी समर्पित होना जरूरी है। उन्हाेंने कहा कि देश की गरीब, मेहनतकश जनता संविधान को सार्थक बनाने हेतु हमेशा कटिबद्ध है, किन्तु सरकारों को बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई आदि को दूर करके गरीब व अमीर के बीच अपार खाई कम करने के प्रति गंभीर व समर्पित होना जरूरी है।
2. परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने न्याय, स्वतंत्रता व समता के जिस गरिमामय ’आइडिया आफ इण्डिया’ को अनुपम संविधान का मूल बनाया था वह मानवतावादी महान उद्देश्य भारतीय गणतंत्र के 72 वर्ष बाद भी काफी आधा-अधूरा, ऐसा क्यों? इसके लिए दोषारोपण के बजाय ईमानदार आत्म-चिन्तन जरूरी।
— Mayawati (@Mayawati) January 26, 2022
मायावती (Mayawati) ने कहा कि देश में वास्तविक गणतंत्र की स्थापना का लक्ष्य अभी अधूरा है। इस पर सवाल उठाते हुये कहा कि परमपूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने न्याय, स्वतंत्रता व समता के जिस गरिमामय ’आइडिया आफ इण्डिया’ को अनुपम संविधान का मूल बनाया था। वह मानवतावादी महान उद्देश्य भारतीय गणतंत्र के 72 वर्ष बाद भी काफी आधा-अधूरा, ऐसा क्यों? इसके लिए दोषारोपण के बजाय इस पर ईमानदार आत्म-चिन्तन करना जरूरी है।