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RBI ने बीते डेढ़ साल में महंगाई कंट्रोल करने की मेहनत पर क्या टमाटर फेर देगा पानी? बढ़ा दी चिंता

देश में टमाटर की कीमतें रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच चुकी हैं। अलग-अलग बाजारों में इसका भाव 150 रुपये किलो के आसपास है, जबकि चंडीगढ़ में इसके दाम 350 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुके हैं। हालत ऐसे पैदा हुए कि सरकार को मैदान में कूदना पड़ा और अब कुछ बाजारों में इसकी कीमत 80 रुपये किलो तक आई है।

By संतोष सिंह 
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नई दिल्ली। देश में टमाटर की कीमतें रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच चुकी हैं। अलग-अलग बाजारों में इसका भाव 150 रुपये किलो के आसपास है, जबकि चंडीगढ़ में इसके दाम 350 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुके हैं। हालत ऐसे पैदा हुए कि सरकार को मैदान में कूदना पड़ा और अब कुछ बाजारों में इसकी कीमत 80 रुपये किलो तक आई है। तब भी टमाटर की इस महंगाई ने आरबीआई (RBI) की चिंता बहुत ज्यादा बढ़ा दी है।

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आरबीआई (RBI) ने हाल में एक बुलेटिन पब्लिश किया है। इसमें टमाटर की बढ़ती कीमतों के चलते महंगाई को लेकर उसकी चिंता साफ झलकती है। महंगाई कंट्रोल करने के लिए आरबीआई (RBI) ने बीते डेढ़ साल में जो मेहनत की है क्या टमाटर उस पर पानी फेर देगा?

क्या है RBI की चिंता?

आरबीआई (RBI) के बुलेटिन में कहा गया है कि टमाटर की वजह से अन्य कमोडिटीज की कीमतें भी बढ़ी हैं। ऐसे में महंगाई का नीचे आना एक बड़ी चुनौती है। बीते कुछ वर्षों में खाद्यान्न की बढ़ती कीमतों का महंगाई पर असर साफ नजर आया है।

ये स्थिति देश में सप्लाई चेन की दिक्कतों को सुधारने की ओर संकेत करती है। ताकि महंगाई की अस्थिरता को कम किया जा सके। बुलेटिन में कही गई ये बात आरबीआई का आधिकारिक मत नहीं है, बल्कि अलग-अलग एक्सपर्ट्स का ओपिनियन है। हालांकि बुलेटिन में टमाटर की बढ़ती कीमतों को लेकर 5 अनोखी बातों का जिक्र किया गया है।

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आरबीआई के बुलेटिन में टमाटर की बढ़ती कीमतों को लेकर 5 रोचक फैक्ट्स सामने आए हैं।

देश में महंगाई की स्थिरता को बनाए रखने टमाटर की कीमतों ने हमेशा भूमिका अदा की है। इसका लंबा इतिहास रहा है। वहीं टमाटर की कीमत का असर रिटेल और होलसेल दोनों बाजार में अन्य वस्तुओं पर पड़ता है।

टमाटर बेहद जल्दी खराब होने वाला सामान है। वहीं इसकी फसल भी कम समय के लिए होती है। इसलिए मौसम के हिसाब से इसके दाम अलग-अलग होते हैं। हालांकि इसका असर कम वक्त के लिए होता है।

सामान्य तौर पर देखा गया है कि टमाटर की कीमतें 40 रुपये से ऊपर करीब 45 से 50 दिन तक ही रहती है। जबकि 20 रुपये के नीचे ये लगभग 150 दिन तक बना रहता है।

टमाटर की फसल छोटी अवधि में पक जाती है, इसलिए एक साल के अंदर इसकी पैदावार कई बार हो सकती है। इसलिए एक ही साल में टमाटर की कीमत बहुत ज्यादा या बहुत कम हो सकती है।

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सालभर के दौरान किसी एक वक्त में टमाटर की कीमतें बहुत ज्यादा बढ़ सकती हैं, लेकिन औसतन देखें तो ये लगभग सालभर स्थिर ही रहती हैं।

आरबीआई की मौद्रिक नीति पर असर?

अगले महीने आरबीआई (RBI) की मौद्रिक नीति (Monetary Policy) आनी है। इसे तय करने में रिटेल इंफ्लेशन के आंकड़ों का बहुत इंपोर्टेंस होता है, और रिटेल महंगाई के लिए फूड प्राइस इंडेक्स का वेटेज काफी अधिक होता है। ऐसे में अगस्त की मौद्रिक नीति (Monetary Policy)  में आरबीआई (RBI)  ब्याज दरें संभवतया ना ही घटाए, हालांकि इसके 0.25 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद पक्की है।

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