मुरादाबाद के पाकबड़ा थाना क्षेत्र की रहने वाली शोभाराम की बेटी स्वाति पर इश्क का खुमार इस कदर सर चढ़ गया की उसने अपने प्रेमी मनोज से शादी करने के लिये अपने पिता शोभाराम दो भाई कपिल और गौरब को जेल भेजनें के लिये गांव के ही एक बेगुनाह की हत्या कर दी.
मुरादाबाद:- अमरोहा जनपद में चर्चित शबनम हत्या कांड की यादें मुरादाबाद की स्वाति ने ताजा कर दी. प्रेमी के प्रेम में दीवानी स्वाति ने प्रेमी से शादी करने के लिये अपने भाई और पिता को जेल भिजवाने के लिये करवा दी एक बेगुनाह की हत्या. हत्या का खुलासा डायल 112 पर मृतक के मोबाईल से की गयी आखरी कॉल से हुआ. पुलिस ने मुख्य आरोपी को पुलिस एनकाउंटर में गिरफ्तार कर लिया हैं साथ ही स्वाति और हत्या करने वाले दूसरे आरोपी को भी गिरफ्तार कर सोमवार को जेल भेज दिया हैं.
मुरादाबाद के पाकबड़ा थाना क्षेत्र की रहने वाली शोभाराम की बेटी स्वाति पर इश्क का खुमार इस कदर सर चढ़ गया की उसने अपने प्रेमी मनोज से शादी करने के लिये अपने पिता शोभाराम दो भाई कपिल और गौरब को जेल भेजनें के लिये गांव के ही एक बेगुनाह की हत्या कर दी. एसएसपी सतपाल अंतिल ने जानकारी देते बताया कि 18 सितंबर को पकबाड़ा थाना क्षेत्र में एक अज्ञात में शव मिला था. मृतक के पास में पड़े मोबाईल फोन को जब चैक किया गया तो पता चला कि उससे आखिरी कॉल डायल 112 पर की गयी थी उसी कॉल की कॉल रिकॉर्डिंग जब डायल 112 के मुख्यालय से मांगी गयी तब शुरू में यह लग रहा था की एक मरने वाले का यह आखिरी स्टेटमेंट हैं उसी के आधार पर आगे की कार्यवाही शुरू की गयी. लेकिन जैसे जैसे जांच आगी बड़ी तो पूरा मामला ही कुछ और निकला. जब कॉल रिकॉर्डिंग के आधार पर मृतक ने 112 पर कॉल करके यह बताया था की उसको गौरब, कपिल और शोभाराम उसको लाठी डंडो से पिटा जा रहा हैं. उसके बाद फोन बंद हो गया मौके पर पहुंची पुलिस को मृतक द्वारा फोन नहीं उठाने की वजह से खाली हाथ आना पड़ा अगले दिन सुबह एक अज्ञात व्यक्ति का शव पड़े होने की सूचना मिली पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया.
कॉल रिकॉर्डिंग ने खोला हत्या का राज:-
पुलिस ने जो डायल 112 मुख्यालय से कॉल रिकॉर्डिंग मंगायी थी. जब उसको सुना तो उसमे तीन लोगों के नाम थे जब उनसे पूछताछ की और रिकॉर्डिंग सुनवाई तो वह आवाज मृतक से नहीं मिलाना बताया गया. गांव वालों ने भी मृतक योगेश की आवाज नहीं बताया. तब यह दूसरे एंगल से जांच शुरू की इन तीनों को जेल भेजकर किसका फायदा हो रहा था. जब सभी लोगों के फोन की सीडीआर और घटना स्थल के टॉवर पर मोबाईलो की लोकेशन चैक की तब जानकारी मिली की शोभाराम की बेटी का मनोज नाम के युवक से प्रेम प्रसंग था. दोनों कई बार चोरी छिपे मिला करते थे. मनोज, स्वाति को नींद की गोलिया देता था. स्वाति इन नींद की गोलियों को आटे में मिलाकर परिवार वालो को खिला देती थी. जब सारे घरवाले नीद की गोली के असर में आ जाते थे, तो मनोज व स्वाति छत पर मिलते थे. इसकी भनक स्वाति के परिवार वालो को हो गयी थी. इस वजह से स्वाति की मुलाकात मनोज से नहीं हो पा रही था. स्वाति ने फोन करके मनोज को बताया था कि जब तक मेरे भाई व पिता घर पर है, हमारी मुलाकात सम्भव नहीं है.
योगेश की ही क्यों हुई हत्या:-
योगेश और मनोज रंगाई पुताई का एक साथ काम करते थे साथ ही दोनों एक साथ शराब भी पीते थे. हत्या वाले दिन जब हत्या करने के लिये किसी राहगीर का इंतजार कर रहे थे तभी सामने से योगेश आ गया. मनोज के साथ मंजीत भी था मनोज ने योगेश से पूछा कि कहां जा रहा हो तो योगेश ने बताया कि मेरे एक व्यक्ति पर 1000 रूपये मजदूरी के बकाया है उन्हे लेने आया हूं. योगेश साईकिल पर था और हम दोनो योगेश का पीछा करने लगे. जब योगेश अपना तकादा करके वापस आया तो हम दोनो योगेश को बहला फुसलाकर, शराब का लालच देकर एमडीए की तरफ ले गये. मनोज ने योगेश की साइकिल पैट्रोल पम्प के बगल मे हटटी पर खड़ी करा दी और उसके बाद हम तीनो मंगूपुरा देसी शराब की हटटी पर पहुंचे तो मनोज ने मुझे 200 रूपये देकर 2 देसी के क्वार्टर मंगवाये उसके बाद हम तीनो एमडीए में महाकालेबर मंदिर के सहारे से हर्बल पार्क को जाने वाले रास्ते पर खड़े हो गये और योगेश को नमकीन लाने के लिए भेज दिया और तभी मनोज ने योगेश की शराब के पैग में 6-7 नींद की गोली डाल दी जिससे योगेश को काफी नशा हो गया था. योगेश को नशे की हालत में मोटर साईकिल पर बैठाकर जीरो प्वाइंट पुल के नीचे से बागडपुर से होते हुए मोढा तैय्या के कब्रिस्तानो की तरफ जाने वाले रास्ते पर ले जाकर योगेश को मोटर साईकिल से उतारकर जमीन पर गिरा लिया और मनोज ने योगेश के उपर बैठकर योगेश के हाथ दबा लिये और तब मैंने वही से ईट उठाकर योगेश के सिर पर कई वार किये तथा चेहरे पर भी ईंट से वार किया जिससे योगेश बेहोश हो गया और नशे में कह रहा था कि मुझे क्यो मार रहे हो तो उसके बाद मनोज ने योगेश का गला दबा दिया और जब तक सांस नहीं निकल गया तब तक मनोज ने गला नहीं छोड़ा और इस तरह हम दोनो ने योगेश की हत्या कर दी. हत्या के बाद स्वाति के भाई गौरव के फोन पर मृतक योगेश के फोन से काल की जो गौरव ने रीसिव की और उसके बाद उधर से भी फोन पर काल आयी जो रिसिव की पर हम लोग बोले ही नही. उसके बाद हम लोग योगेश के मोबाइल को योगेश के पास रखकर ही तथा ईंट को वही झाडियो मे फेककर चले गये थे.
सुशील कुमार सिंह
मुरादाबाद