कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उन्हें जन्मदिन की बधाई दी। इसके साथ ही राहुल गांधी को धमकी देने वाले भाजपा नेताओं पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा, ऐसे बयानों के लिए कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भारतीय राजनीति को पतनशील बनने से रोका जा सके। कोई अनहोनी न हो।
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उन्हें जन्मदिन की बधाई दी। इसके साथ ही राहुल गांधी को धमकी देने वाले भाजपा नेताओं पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा, ऐसे बयानों के लिए कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भारतीय राजनीति को पतनशील बनने से रोका जा सके। कोई अनहोनी न हो।
मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में लिखा कि, सबसे पहले मैं आपको जन्मदिन की हार्दिक बधाई देता हूं। इसके साथ ही ऐसे मुद्दे पर आपका ध्यान आकृष्ट कराना चाहता हूं जो सीधे लोकतंत्र और संविधान से जुड़ा हुआ है। आप अवगत होंगे कि लोक सभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के ख़िलाफ़ बेहद आपत्तिजनक, हिंसक और अशिष्ट बयानों का सिलसिला चल रहा है।
मुझे दुःख के साथ कहना पड़ता है कि भारतीय जनता पार्टी और आपके सहयोगी दलों के नेताओं ने जिस हिंसक भाषा का प्रयोग किया है, वह भविष्य के लिए घातक है। विश्व हैरान है कि केंद्र सरकार में रेल राज्य मंत्री, भाजपा शासित उत्तर प्रदेश के मंत्री, लोक सभा में प्रतिपक्ष के नेता को “नंबर एक आतंकवादी” कह रहे हैं। महाराष्ट्र में आपकी सरकार में सहयोगी दल का एक विधायक, नेता प्रतिपक्ष की “जुबान काट कर लाने वाले को 11 लाख रुपए का इनाम” देने की घोषणा कर रहे हैं। दिल्ली में एक भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक, उनका “हश्र दादी जैसा” करने की धमकी दे रहे हैं।
इसके साथ ही लिखा, भारतीय संस्कृति अहिंसा, सद्भाव और प्रेम के लिए विश्व भर में जानी जाती है। इन बिंदुओं को हमारे नायकों ने राजनीति में मानक के रूप में स्थापित किया। गांधीजी ने अंग्रेजी राज में ही इन मानकों को राजनीति का अहम हिस्सा बना दिया था। आजादी के बाद संसदीय परिधि में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सम्मानजनक अहसमतियों का एक लंबा इतिहास रहा है। इसने भारतीय लोकतंत्र की प्रतिष्ठा को बढ़ाने का काम किया।
कांग्रेस के करोड़ों कार्यकर्ता और नेता इस बात को लेकर बहुत उद्वेलित और चिंतित हैं। क्योंकि ऐसी घृणा फैलाने वाली शक्तियों के चलते राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी, और राजीव गांधी को शहादत देनी पड़ी है। सत्ताधारी दल का यह राजनीतिक व्यवहार लोकतांत्रिक इतिहास का अशिष्टतम उदाहरण है। मैं आपसे अनुरोध और अपेक्षा करता हूं कि आप कृपया अपने नेताओं पर अनुशासन और मर्यादा का अंकुश लगायें। उचित आचरण का निर्देश दें। ऐसे बयानों के लिए कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भारतीय राजनीति को पतनशील बनने से रोका जा सके। कोई अनहोनी न हो। मैं भरोसा करता हूं कि आप इन नेताओं को हिंसक बयानों को तत्काल रोकने के बारे में अपेक्षित कार्यवाही करेंगे।