उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। अस्पतालों में बेड्स नहीं हैं तो मरीजों को एंबुलेंस भी नहीं मिल रहे हैं। लिहाजा, लखनऊ के हालत बहुत ही चिंताजनक हैं लेकिन अधिकारी अपनी कुर्सी बचाने के लिए झूठे आंकड़े पेश करने में जुटे हुए हैं।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। अस्पतालों में बेड्स नहीं हैं तो मरीजों को एंबुलेंस भी नहीं मिल रहे हैं। लिहाजा, लखनऊ के हालत बहुत ही चिंताजनक हैं लेकिन अधिकारी अपनी कुर्सी बचाने के लिए झूठे आंकड़े पेश करने में जुटे हुए हैं।
ताजा मामला गोमतीनगर के विनम्र खंड का है, जहां एक रिटायर जज रमेश चंद्र दो दिन पूर्व कोरोना संक्रमित हो गए थे। उनकी पत्नी 64 वर्षीय मधु चंद्रा भी संक्रमण की चपेट में आ गईं। इसको लेकर पूर्व जज ने कई अधिकारियों से लेकर कोविड कंट्रोल रूम में फोनकर मदद मांगी लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला।
गुरुवार को सुबह करीब आठ बजे मधु चंद्रा ने दम तोड़ दिया। अब उनकी लाश उठाने तक के लिए कोई नहीं जा रहा। मीडिया रिपोर्ट की माने तो पूर्व जज ने कहा कि, डीएम से लेकर सीएमओ और कंट्रोल रूम के अधिकारियों को दर्जनों बार फोन कर चुके जिसकी कोई गिनती नहीं है। मगर एंबुलेंस नहीं मिला, जिसके कारण उनकी पत्नी मधु का निधन हो गया।