HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. एस्ट्रोलोजी
  3. kanakadhara stotram : कनकधारास्तोत्र का पाठ करने से होता है चमत्कारिक लाभ,जीवन में वैभव की प्राप्ति होती है

kanakadhara stotram : कनकधारास्तोत्र का पाठ करने से होता है चमत्कारिक लाभ,जीवन में वैभव की प्राप्ति होती है

जीवन में धन की प्रप्ति के लिए हिंदू धार्मिक ग्रंथों में अनेकों रास्ते बताए गए है। मां लक्षी को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के अनुष्ठानों वर्णन धर्म ग्रंथों में मिलता है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

kanakadhara stotram: जीवन में धन की प्रप्ति के लिए हिंदू धार्मिक ग्रंथों में अनेकों रास्ते बताए गए है। मां लक्षी को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के अनुष्ठानों का वर्णन धर्म ग्रंथों में मिलता है। ऐसी मान्यता है कि धन प्राप्ति के लिए कनकधारास्तोत्र का पाठ करने का अनन्त पुण्य है। श्री कनकधारा स्तोत्र आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा रचित है।आदि शंकराचार्य ने देवी लक्ष्मी की स्तुति में श्री कनकधारा स्तोत्र की रचना की और देवी से गरीबों के लिए धन की वर्षा करने की प्रार्थना की। ‘कनक’ का शाब्दिक अर्थ है “सोना” और ‘धारा’ का अर्थ है “धारा”।

पढ़ें :- Mahakumbh 2025 : स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती से दीक्षा लेकर दो युवा प्रतिभाओं ने ग्रहण किया संन्यास, सनातन की सेवा का संकल्प लिया

समृद्धि की देवी महालक्ष्मी, धन, उर्वरता, सौभाग्य और साहस को समर्पित है। देवी महालक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी हैं और माना जाता है कि वे अपने भक्तों को जीवन में सभी प्रकार के दुखों और धन संबंधी दुखों से बचाती हैं।धन लिए कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने से चमत्कारिक रूप से लाभ प्राप्त होता है।कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने से जीवन में वैभव की प्राप्ति होती है।

कनकधारा स्तोत्र क पाठ

अंगहरे पुलकभूषण माश्रयन्ती भृगांगनैव मुकुलाभरणं तमालम।
अंगीकृताखिल विभूतिरपांगलीला मांगल्यदास्तु मम मंगलदेवताया:।।1।।

मुग्ध्या मुहुर्विदधती वदनै मुरारै: प्रेमत्रपाप्रणिहितानि गतागतानि।
माला दृशोर्मधुकर विमहोत्पले या सा मै श्रियं दिशतु सागर सम्भवाया:।।2।।

पढ़ें :- Makar Sankranti 2025 : मकर संक्रांति पर करें इन सूर्य मंत्रों का जाप , बढ़ेगा आत्मविश्वास और रोग दोष समाप्त होंगे

विश्वामरेन्द्रपदविभ्रमदानदक्षमानन्द हेतु रधिकं मधुविद्विषोपि।
ईषन्निषीदतु मयि क्षणमीक्षणार्द्धमिन्दोवरोदर सहोदरमिन्दिराय:।।3।।

आमीलिताक्षमधिगम्य मुदा मुकुन्दमानन्दकन्दम निमेषमनंगतन्त्रम्।
आकेकर स्थित कनी निकपक्ष्म नेत्रं भूत्यै भवेन्मम भुजंगरायांगनाया:।।4।।

बाह्यन्तरे मधुजित: श्रितकौस्तुभै या हारावलीव हरि‍नीलमयी विभाति।
कामप्रदा भगवतो पि कटाक्षमाला कल्याण भावहतु मे कमलालयाया:।।5।।

कालाम्बुदालिललितोरसि कैटभारेर्धाराधरे स्फुरति या तडिदंगनेव्।
मातु: समस्त जगतां महनीय मूर्तिभद्राणि मे दिशतु भार्गवनन्दनाया:।।6।।

प्राप्तं पदं प्रथमत: किल यत्प्रभावान्मांगल्य भाजि: मधुमायनि मन्मथेन।
मध्यापतेत दिह मन्थर मीक्षणार्द्ध मन्दालसं च मकरालयकन्यकाया:।।7।।

पढ़ें :- Basant Panchami 2025 date and time : बसंत पंचमी के दिन पहनें पीले वस्त्र , देवी को चढ़ाएं पीली मिठाई और फूल

दद्याद दयानुपवनो द्रविणाम्बुधाराम स्मिभकिंचन विहंग शिशौ विषण्ण।
दुष्कर्मधर्ममपनीय चिराय दूरं नारायण प्रणयिनी नयनाम्बुवाह:।।8।।

इष्टा विशिष्टमतयो पि यथा ययार्द्रदृष्टया त्रिविष्टपपदं सुलभं लभंते।
दृष्टि: प्रहूष्टकमलोदर दीप्ति रिष्टां पुष्टि कृषीष्ट मम पुष्कर विष्टराया:।।9।।

गीर्देवतैति गरुड़ध्वज भामिनीति शाकम्भरीति शशिशेखर वल्लभेति।
सृष्टि स्थिति प्रलय केलिषु संस्थितायै तस्यै ‍नमस्त्रि भुवनैक गुरोस्तरूण्यै ।।10।।

श्रुत्यै नमोस्तु शुभकर्मफल प्रसूत्यै रत्यै नमोस्तु रमणीय गुणार्णवायै।
शक्तयै नमोस्तु शतपात्र निकेतानायै पुष्टयै नमोस्तु पुरूषोत्तम वल्लभायै।।11।।

नमोस्तु नालीक निभाननायै नमोस्तु दुग्धौदधि जन्म भूत्यै ।
नमोस्तु सोमामृत सोदरायै नमोस्तु नारायण वल्लभायै।।12।।

सम्पतकराणि सकलेन्द्रिय नन्दानि साम्राज्यदान विभवानि सरोरूहाक्षि।
त्व द्वंदनानि दुरिता हरणाद्यतानि मामेव मातर निशं कलयन्तु नान्यम्।।13।।

पढ़ें :- Makar Sankranti 2025 : मकर संक्रांति के दिन खाई जाती है खिचड़ी , कुंडली में ग्रहों की स्थिति होती है मजबूत  

यत्कटाक्षसमुपासना विधि: सेवकस्य कलार्थ सम्पद:।
संतनोति वचनांगमानसंसत्वां मुरारिहृदयेश्वरीं भजे।।14।।

सरसिजनिलये सरोज हस्ते धवलमांशुकगन्धमाल्यशोभे।
भगवति हरिवल्लभे मनोज्ञे त्रिभुवनभूतिकरि प्रसीद मह्यम्।।15।।

दग्धिस्तिमि: कनकुंभमुखा व सृष्टिस्वर्वाहिनी विमलचारू जल प्लुतांगीम।
प्रातर्नमामि जगतां जननीमशेष लोकाधिनाथ गृहिणी ममृताब्धिपुत्रीम्।।16।।

कमले कमलाक्षवल्लभे त्वं करुणापूरतरां गतैरपाड़ंगै:।
अवलोकय माम किंचनानां प्रथमं पात्रमकृत्रिमं दयाया : ।।17।।

स्तुवन्ति ये स्तुतिभिर भूमिरन्वहं त्रयीमयीं त्रिभुवनमातरं रमाम्।
गुणाधिका गुरुतरभाग्यभागिनो भवन्ति ते बुधभाविताया:।।18।।

।। इति श्री कनकधारा स्तोत्रं सम्पूर्णम् ।।

पूजा के बाद मां लक्ष्मी की प्रतिमा के सामने और तुलसी जी के सामने घी का दीया जरूर जलाना चाहिए।

पढ़ें :- Makar Sankranti Daan : मकर संक्रांति पर राशि के अनुसार करें दान , कमजोर ग्रहों की स्थिति मजबूत होगी

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...