भारतीय जनता पार्टी (BJP) आगामी लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections-2024) को देखते हुए बीते बुधवार को अपने संसदीय बोर्ड (Parliamentary Board) में बड़ा फेरबदल किया है। संसदीय बोर्ड में हुए इन बदलावों को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। अब बीजेपी (BJP) के पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) ने ट्वीट करके भाजपा को पार्टी की पुरानी परंपरा को याद दिलाया है।
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (BJP) आगामी लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections-2024) को देखते हुए बीते बुधवार को अपने संसदीय बोर्ड (Parliamentary Board) में बड़ा फेरबदल किया है। संसदीय बोर्ड में हुए इन बदलावों को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। अब बीजेपी (BJP) के पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) ने ट्वीट करके भाजपा को पार्टी की पुरानी परंपरा को याद दिलाया है।
उन्होंने कहा कि पदाधिकारियों के चयन के लिए पार्टी और संसदीय दल (Parliamentary Board) के चुनाव होते थे। उन्होंने ट्वीट करके सांगठनिक चुनावों की कमी को लेकर भाजपा (BJP) नेतृत्व पर कटाक्ष भी किया।
सुब्रमण्यम स्वामी ने यूं किया कटाक्ष
सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) ने ट्वीट में कहा कि जनता पार्टी और फिर भाजपा के शुरुआती दिनों में हमारे पास पार्टी थी, तब पदाधिकारियों के चयन के लिए संसदीय दल के चुनाव होते थे। उस समय पार्टी के संविधान के मुताबिक ये अनिवार्य था। आज भाजपा में कभी भी कोई चुनाव नहीं होता है। प्रत्येक पद के लिए नामांकन के आधार पर सदस्य नामित किया जाता है और इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी से अनुमति ली जाती है।
वहीं, उनके इस ट्वीट पर एक यूजर ने पूछा कि क्या पार्टी में लोकतंत्र नहीं रह गया है? उसके सवाल का जवाब देते हुए सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) ने कहा कि आपको अब पता चला है। वहीं, कई मुद्दों पर लंबे समय से मोदी सरकार की आलोचना करने वाले राजनेता ने गुरुवार को कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस नेता (Trinamool Congress leader) और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee) से भी मुलाकात की।
भाजपा का ये है कहना
वहीं, भाजपा का कहना है कि पार्टी के भीतर हमेशा से यह परंपरा रही है कि उसके अध्यक्ष पार्टी के सदस्यों को विभिन्न पदों पर मनोनीत करते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी या अन्य उपयुक्त निकाय नियुक्तियों की पुष्टि करते हैं।
गौरतलब है कि बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर से नए संसदीय बोर्ड (New Parliamentary Board) का एलान किया गया है। इसमें चौंकाने वाली बात यह है कि बोर्ड में वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को जगह नहीं मिली है। वहीं बीएस येदियुरप्पा व सर्बानंद सोनोवाल जैसे नेताओं को संसदीय बोर्ड (Parliamentary Board)में एंट्री मिली है। शिवराज सिंह चौहान और नितिन गडकरी को केंद्रीय चुनाव समिति (Central Election Committee) से भी बाहर कर दिया गया है।