केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार समय-समय पर महिलाओं के लिए कोई न कोई महत्वपूर्ण योजनाएं लेकर आती है। अब साउथ के राज्य में कामकाजी महिलाओं के लिए सरकार ने बड़ी घोषणा की है। कर्नाटक सरकार ने कामकाजी महिलाओं को साल में 12 दिन की अतिरिक्त छुट्टी देने का ऐलान किया है। यह छुट्टी महिलाओं को मासिक धर्म आने के दौरान दी जाएगी।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार (Central government) हो या राज्य सरकार समय-समय पर महिलाओं के लिए कोई न कोई महत्वपूर्ण योजनाएं लेकर आती है। अब साउथ के एक राज्य में कामकाजी महिलाओं (working women) के लिए सरकार ने बड़ी घोषणा की है। कर्नाटक सरकार (Karnataka Government) ने कामकाजी महिलाओं को साल में 12 दिन की अतिरिक्त छुट्टी देने का ऐलान किया है। यह छुट्टी महिलाओं को मासिक धर्म (menstruation) आने के दौरान दी जाएगी। कर्नाटक सरकार के इस फैसले से कामकाजी महिलाओं में खुशी की लहर है।
कामकाजी की महिलाओं को अपने कार्यालय के साथ-साथ घर का भी काम देखना होता है। आम दिनों में तो महिलाएं यह काम आराम से कर लेती है, लेकिन मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को मानसिक और शारिरिक (mental and physical) तनाव झेलना पड़ता है, जिस कारण वह चिरचीरी भी हो जाती है। ऐसे में कर्नाटक सरकार ने कामकाजी महिलाओं के लिए बड़ा फैसला लिया है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Karnataka Chief Minister Siddaramaiah) ने कामकाजी महिलओं के लिए साल में 12 दिन की मासिक धर्म छुट्टी देने का ऐलान किया है। यह नियम सरकारी कार्यालयों के साथ-साथ निजी कंपनियों, आईटी सेक्टर और औद्योगिक क्षेत्रों में भी लागू होगा। इस अवकाश के लिए महिलाओं का कोई वेतन भी नहीं कटेगा।
कर्नाटक सरकार के श्रम मंत्री संतोष लाड (Labour Minister Santosh Lad) ने बताया कि सरकार पिछले एक साल से यह नियम को लागू करना चाहती थी। श्रम मंत्री ने कहा कि कामकाजी महिलाएं घर और काम दोनों संभालती हैं। मासिक धर्म के दौरान काम के बोझ के कारण उन्हें मानसिक और शारीरिक तनाव भी होता है। इस कारण सरकार ने एक समिति बनाई थी, जिसने छह दिन के अवकाश की सिफारिश की थी। कैबिनेट की बैठक के बाद इस छह दिनकी छुट्टी को बढ़ा कर सालान 12 दिन कर दिया गया है। बता दे कि महिलाओं के लिए मासिक धर्म का अवकाश सबसे पहले बिहार (Bihar) में लागू हुआ था। इसके बाद यह उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और केरल जैसे राज्यों में भी लागू कर दी गई थी।