कार्तिक मास की अमावस्या तिथि के दिन दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। इस साल दिवाली 4 नंवबर को मनाई जाएगी इस बार पर्व के दिन 4 ग्रह एक ही राशि में रहेंगे और ऐसा संयोग दुर्लभ ही बनता है।
khilaune vaalee mithaee: कार्तिक मास की अमावस्या तिथि के दिन दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। इस साल दिवाली 4 नंवबर को मनाई जाएगी इस बार पर्व के दिन 4 ग्रह एक ही राशि में रहेंगे और ऐसा संयोग दुर्लभ ही बनता है। दीपावली के दिन सूर्य, बुध, मंगल और चंद्रमा तुला राशि में रहेंगे। चूंकि तुला राशि के स्वामी शुक्र ग्रह हैं और वे भौतिक सुख-सुविधाओं के कारक हैं। दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। मां लक्ष्मी धन और वैभव की देवी है इसलिए इस दिन मां लक्ष्मी को धान से बनी खील को अर्पित करने की परम्परा प्रचलन में आ गई।
दिवाली के त्योहार मनाने के लिए हर राज्य की अपनी अलग-अलग परम्पराएं है। दिवाली के दिन एक बात सामान है वो है चीनी के खिलौने और खील। इन दोनों का दिवाली के दिन बहुत महत्व है। दिवाली पर पूजन के समय इन दोनों को भगवान गणेश और मां लक्ष्मी के सामने प्रसाद के रूप में अर्पित किया जाता है। बताशे का संबंध चंद्रमा से है इसलिए माता को भी यह पसंद है। इसलिए विशेषकर बताशे मां को प्रसाद के रुप में चढ़ते हैं। साथ ही खीर और मिठाई के रुप में अन्य सफेद प्रसाद भी मां को खुश करने के लिये चढ़ाए जाते हैं।
बता दें कि खील का ज्योतिषीय महत्व भी होता है। दीपावली धन और वैभव की प्राप्ति का त्योहार है और धन-वैभव का दाता शुक्र ग्रह माना गया है। इसलिए शुक्र को प्रसन्न करने के लिए हम लक्ष्मी जी को खील का प्रसाद चढ़ाते हैं।