धार्मिक महत्व के साथ आयुर्वेदिक महत्व को गुण धारण करने वाली तुलसी को भारत में माता का दर्जा प्राप्त है। तुलसी की पूजा लोग आस्था और विश्वास के साथ करते है।
Tulsi Plants : धार्मिक महत्व के साथ आयुर्वेदिक महत्व को गुण धारण करने वाली तुलसी को भारत में माता का दर्जा प्राप्त है। तुलसी की पूजा लोग आस्था और विश्वास के साथ करते है। तुलसी का पौधा असाध्य बीमारियों से राहत दिलाता है। यह पौधा करीब 12 घंटे ऑक्सीजन छोड़ता है। धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि भविष्य में आने वाली कुछ परेशानियों का संकेत देती हैं तुलसी मईया। आप भी इन संकेतों को जानने के बाद उससे बचने के उपाय कर सकते हैं।इसमें यूजेनॉल कार्बनिक यौगिक होता है जो मच्छर, मक्खी व कीड़े भगाने में मदद करता है।
1.तुलसी के पौधे को हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा में ही लगाना चाहिए। गलत दिशा में तुलसी का पौधा रखने से कोई लाभ नहीं होता है।
2.तुलसी के आसपास जूठन, जूते-चप्पल, झाड़ू या कचरे नहीं होना चाहिए। इसके अलावा तुलसी के साथ दूसरे फूल-पत्तियों को नहीं लगाना चाहिए।
3.रोज सुबह स्नान करके तुलसी को जल चढ़ाएं और शाम को दीपक लगाएं।
4.दूध मिला हुआ जल तुलसी में चढ़ाने से तुलसी हरी भरी रहती है।
5.तुलसी में कई औषधीय गुण हैं और कई रोगों के इलाज के लिए आयुर्वेद में व्यापक रूप से इसका उपयोग किया जाता है।
6.तुलसी को कभी भी रविवार और एकादशी के दिन जल न चढ़ाएं। इस दिन तुलसी जी भगवान विष्णु के लिए व्रत रखती हैं।