सनातन धर्म में खरमास एक विशेष अवधि को कहते है। खरमास के कुछ विशेष नियमों का पालन करना पड़ता है। ग्रह मंडल के देवता सूर्य देव जब धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं तो खरमास माना जाता है।
Kharmas 2024 : सनातन धर्म में खरमास एक विशेष अवधि को कहते है। खरमास के कुछ विशेष नियमों का पालन करना पड़ता है। ग्रह मंडल के देवता सूर्य देव जब धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं तो खरमास माना जाता है। जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो फिर खरमास समाप्त हो जाता है। खरमास में सूर्य देव और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने का विधान है, जिससे साधक को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। खरमास की अवधि में किसी भी मांगलिक कार्य को करने की मनाही होती है। मान्यता है कि इस दौरान कुछ उपाय करने से धन प्राप्ति होती है और सोई हुई किस्मत जाग जाती है। आइये जानते है इस दौरान करने वाले कुछ विशेष उपायों के बारे में।
खरमास में तुलसी पूजा करें
खरमास में भगवान विष्णु की पूजा करें। इससे कुंडली में गुरु मजबूत होता है।
भगवान विष्णु को पीले भोजन का भोग लगाएं।
रोजाना तुलसी पूजा करें।
सूर्योदय से पहले उठकर सूर्य देव को तांबे के लोटे से अर्घ्य दें।
सूर्य देव और गुरु ग्रह के मंत्रों का जप करें।
खरमास में सत्यनारायण कथा कराएं।
खरमास के दौरान देवी-देवताओं, ब्राह्मणों, और बुज़ुर्गों की पूजा करें।
हर दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
खरमास के दौरान इन कामों से बचना चाहिए
घर बनवाने की शुरुआत न करें।
तामसिक भोजन न करें।
किसी का अपमान न करें और वाद-विवाद न करें।
नया वाहन और मकान न खरीदें।