नोएडा के सेक्टर-93ए में बने 103 मीटर ऊंचे ट्विन टावर आखिरकार जमीदोंज हो गया। कुछ ही सेंकेड में कुतुबमीनार जैसी ये गगनचुंबी इमारत ध्वस्त हो गई। देश में ये पहली बार हुआ जब गगनचुंबी इमारत इस तरह से जमींदोज किया गया।
Twin tower case: नोएडा के सेक्टर-93ए में बने 103 मीटर ऊंचे ट्विन टावर आखिरकार जमीदोंज हो गया। कुछ ही सेंकेड में कुतुबमीनार जैसी ये गगनचुंबी इमारत ध्वस्त हो गई। देश में ये पहली बार हुआ जब गगनचुंबी इमारत इस तरह से जमींदोज किया गया। इसके ध्वस्तीकरण के लिए करीब 9640 छेद में 3700 किलो विस्फोटक का प्रयोग किया गया। आस-पास की सोसाइटी में रहने वाले लोगों ने फ्लैट को पहले ही खाली करा दिया गया था।
‘वाटरफॉल इम्प्लोजन‘ तकनीक का किया गया इस्तेमाल
बता दें कि, ट्विन टावर को ‘वाटरफॉल इम्प्लोजन‘ तकनीकी से ढहाया गया। इमारत को ढहाए जाने के बाद पूरे क्षेत्र धूल के गुबार से पट गया है। कुछ देर बाद जांच की जाएगी की आसपास की बिल्डिंग को कोई नुकसान हुआ या नहीं? इन इमारतों को पहले ही खाली करा लिया गया था। आसपास की सड़कें भी पूरी तरह बंद थीं और लॉकडाउन के बाद पहली बार इस तरह का सन्नाटा इलाके में देखा गया। नोएडा एक्सप्रेस-वे पर भी यातायात रोक दिया गया था।