सामजिक कार्यकर्ता डॉक्टर नरेंद्र दाभोलकर की हत्या में आज बड़ा फैसला आया है। पुणे की एक अदालत ने दाभोलकर हत्याकांड पर फैसला सुनाया है। कोर्ट ने दो आरोपियों को दोषी ठहराया और तीन को बरी कर दिया है। दाभोलकर महाराष्ट्र में अंधविश्वास के खिलाफ आंदोलन चलाने के लिए जाने जाते थे।
पुणे। सामजिक कार्यकर्ता डॉक्टर नरेंद्र दाभोलकर की हत्या में आज बड़ा फैसला आया है। पुणे की एक अदालत ने दाभोलकर हत्याकांड पर फैसला सुनाया है। कोर्ट ने दो आरोपियों को दोषी ठहराया और तीन को बरी कर दिया है। दाभोलकर महाराष्ट्र में अंधविश्वास के खिलाफ आंदोलन चलाने के लिए जाने जाते थे। 2013 में नरेंद्र दाभोलकर की हत्या कर दी गई थी। मई 2014 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने दाभोलकर हत्या मामले को सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था।
बता दें कि, 20 अगस्त 2013 को पुणे में बाइक सवार बदमाशों ने सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या कर दी थी। ये घटना उस दौरान हुई जब वो सुबह की सैर पर निकले थे। दाभोलकर पर पांच गोलियां चलाई गईं। दो गोलियां मिसफायर हुईं, लेकिन दो गोलियां दाभोलकर के सिर में और एक छाती में लगीं। जब वे गिर पड़े, तो दोनों हमलावर पास में खड़ी एक बाइक से भाग निकले। दाभोलकर की मौके पर ही मौत हो गई।