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UP Election 2022: कौन है गुलशन यादव, जिसे सपा ने राजा भैया के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा, जानिए

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रतापगढ़ की कुंडा सीट हमेशा से सुर्खियों में रही है। इस सीट पर हमेशा से रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया (Raghuraj Pratap Singh) का वर्चस्व रहा है। 1993 से राजा भैया (Raghuraj Pratap Singh) इस सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ते आए हैं। खास बात ये है कि पिछले 15 सालों से सपा ने राजा भैया के खिलाफ अपना कोई भी प्रत्याशी नहीं उतारा है।

By शिव मौर्या 
Updated Date

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रतापगढ़ की कुंडा सीट हमेशा से सुर्खियों में रही है। इस सीट पर हमेशा से रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया (Raghuraj Pratap Singh) का वर्चस्व रहा है। 1993 से राजा भैया (Raghuraj Pratap Singh) इस सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ते आए हैं। खास बात ये है कि पिछले 15 सालों से सपा ने राजा भैया के खिलाफ अपना कोई भी प्रत्याशी नहीं उतारा है।

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वहीं, अब सपा ने इस सीट से 2022 विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी उतारकर सबको चौंका दिया है। सपा ने यहां से गुलशन यादव (Gulshan Yadav) को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है। आइए जानते हैं कि आखिर कौन है गुलशन यादव (Gulshan Yadav) , जिसे सपा ने कुंडा से चुनावी मैदान में उतारा है। बता दें कि, गुलशन यादव (Gulshan Yadav) कभी राजा भैया के करीबियों में शामिल थे। कहा जाता है कि उनके ही वर्दहस्त में गुलशन यादव (Gulshan Yadav)  को पहचान मिली है।

एक दर्जन से ज्यादा मुकदमें हैं दर्ज
गुलशन यादव (Gulshan Yadav) पर गंभीर आरोप भी हैं, जिनके खिलाफ एक दर्जन से ज्यादा मुकदमें दर्ज हैं। प्रतापगढ़ में डिप्टी एसपी जियाऊल हक हत्याकांड में भी गुलशन यादव का नाम आया था। इस मामले में राजा भैया के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ था।

जेल से भागने के कारण सुर्खियों में आए
समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी गुलशन यादव (Gulshan Yadav) काफी सुर्खियों में रहे हैं। वो सबसे ज्यादा सुर्खियों में तब आए थे जब वो फिल्मी अंदाज में जेल से भागने की कोशिश किए थे। दरअसल गुलशन को जब पेशी के लिए अदालत ले जाया जा रहा था, तभी उसके हथियारबंद गुर्गों ने पुलिस दस्ते पर फायरिंग करते हुए उसे वहां भगाने की कोशिश की थी।

‘जेल के ताले टूट गए गुलशन भइया छूट गए’
गुलशन यादव (Gulshan Yadav)  जब जेल से छूटे तो उनके समर्थकों का जमावड़ा लग गया। सैकड़ों की संख्या में उनके समर्थक सड़कों पर उनका स्वागत करने के लिए आ गए थे। इस दौरान उनके समर्थकों ने नााए लगाए थे कि ‘जेल के ताले टूट गए गुलशन भइया छूट गए’।

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