समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरित मानस पर विवादित टिप्पणी करके फंस गए हैं। उनके खिलाफ हरजतगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गयी है। हालांकि, इसके बाद भी स्वामी प्रसाद मौर्य अपने बयान पर कायम है। उनका कहना है कि उन्होंने न ही रामचरित मानस और न ही भगवान राम पर टिप्पणी की है।
UP News: समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya)) रामचरित मानस पर विवादित टिप्पणी करके फंस गए हैं। उनके खिलाफ हरजतगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गयी है। हालांकि, इसके बाद भी स्वामी प्रसाद मौर्य अपने बयान पर कायम है। उनका कहना है कि उन्होंने न ही रामचरित मानस और न ही भगवान राम पर टिप्पणी की है।
उधर, स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान के बाद हिंदू संगठनों में आक्रोश है। लेटे हुए हनुमान मंदिर पंचवटी घाट लक्ष्मण टीला, पक्का पुल चौक में स्वामी प्रसाद के प्रवेश पर रोक लगा दी गई। इसका पोस्टर भी वहां पर लगाया गया है। इसको लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया है।
लखनऊ, पकापुल के पास लेटे हुए हनुमान मंदिर में पुजारियों द्वारा प्रतिबंध हास्यास्पद है, अपने पूरे जीवन में इस मंदिर में न कभी गया था न कभी जाऊंगा। जहां भेदभाव हो वहां जाने की जरूरत क्यों।
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) January 25, 2023
उन्होंने कहा कि, ‘लखनऊ, पकापुल के पास लेटे हुए हनुमान मंदिर में पुजारियों द्वारा प्रतिबंध हास्यास्पद है, अपने पूरे जीवन में इस मंदिर में न कभी गया था न कभी जाऊंगा। जहां भेदभाव हो वहां जाने की जरूरत क्यों।’
शिवपाल यादव ने बताया निजी बयान
जसवंतनगर में शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) ने स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के इस बयान को उनका निजी बयान बताया है। उनका कहना है कि, ये पार्टी का बयान नहीं है। हम लोग भगवान राम और कृष्ण के आदर्शों पर चलने वाले लोग हैं। वहीं, इस दौरान शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) ने भाजपा सरकार पर भी निशाना साधा।