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UP News: अब चीनी कंपनी ईकोग्रीन की होगी छुट्टी, ठेकेदारों के काम न करने से शहर में सड़ रहा कचरा!

ईकोग्रीन कंपनी की शिकायत लंबे समय हो रही थी। कूड़ा प्रबंधन में लगी ये कंपनी बार—बार फेल साबित हुई, जिसके कारण शहरों में कूड़े के पहाड़ खड़े हो गए। आलम ये है कि कूड़ा नहीं उठने से लोगों के घरों में भी कूड़े का ढेर एकत्र हो गया, जिससे आम लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा।

By शिव मौर्या 
Updated Date

लखनऊ। कचरा प्रबंधन में लगी चीनी कंपनी ईकोग्रीन को बार-बार नोटिस भेजा गया, अल्टीमेटम दिया गया लेकिन न कंपनी सुधरी और न ही शहर में साफ-सफाई की व्यवस्था पटरी पर आई। बावजूद इसके कुछ अधिकारियों की सरपरस्ती में ये कंपनी सरकारी धन को लूटती रही। नगर निगम के ऑडिट रिपोर्ट में भी ये बात सामने आ चुकी है। बिना कूड़ा उठाए ही कंपनी को करोड़ों का भुगतान दे दिया गया। हालांकि, अब चीनी कंपनी ईकोग्रीन का पत्ता पूरी तरह से कट गया है। कंपनी या उसका कोई ठेकेदार अब सफाई व्यवस्था से जुड़ा काम नहीं करेगा। बताया जा रहा है कि जल्द ही इसको लेकर आदेश जारी कर दिया जाएगा। ऐसे में अब नगर निगम रविवार से शहर में डोर-टू-डोर कलेक्शन से लेकर पड़ावघरों से कूड़ा उठाकर शिवरी प्लांट तक पहुंचाने का काम नगर निगम ही करेगा।

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लापरवाही के बाद भी ईकोग्रीन पर क्यों मेहरबान होते रहे अफसर?
ईकोग्रीन कंपनी की शिकायत लंबे समय हो रही थी। कूड़ा प्रबंधन में लगी ये कंपनी बार—बार फेल साबित हुई, जिसके कारण शहरों में कूड़े के पहाड़ खड़े हो गए। आलम ये है कि कूड़ा नहीं उठने से लोगों के घरों में भी कूड़े का ढेर एकत्र हो गया, जिससे आम लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। बताया जा रहा है कि चीन कंपनी को हटाने के लिए तीन महीने पहले नोटिस दिया जा चुका है। अनुबंध निरस्तीकरण में आ रही कानूनी अड़चन को देखते हुए नगर निगम प्रशासन सावधानी बरतते हुए कदम उठा रहा है।

अब नगर निगम संभालेगी मोर्चा
अब कूड़ा प्रबंधन के लिए नगर निगम मोर्चा संभालेगी। घरों से कूड़ा उठवाने के लिए नगर निगम ने कर्मचारी तैनात कर दिए हैं। इन्हें नगरीय विकास अभिकरण डूडा के जरिये तैनात किया गया है। इसी के जरिए वेतन भी दिया जाएगा। बीते तीन महीने से नगर निगम उन्हीं ठेकेदारों से घरों व पड़ावघरों से कूड़ा उठवा रहा था, जो पहले ईकोग्रीन के लिए काम करते थे। एक महीने तक तो इन्होंने सही से काम किया, लेकिन फिर लापरवाही करने लगे। इससे सफाई व्यवस्था बेपटरी हो गई। इन ठेकेदारों को काम देते वक्त नगर निगम ने कहा था कि जब तक किसी नई कंपनी का चयन नहीं होता है, तब तक उनसे काम कराया जाएग। हालांकि, इससे पहले ही लापरवाही के चलते नगर निगम को इन्हें हटाना पड़ गया। अब वह खुद कचरा प्रबंधन करेगा।

कूड़ा प्रबंधन में सुधार को ये कदम भी उठाए
शहर में डंप हुए कूड़े की सफाई को लेकर नगर आयुक्त ने सभी जोनल सेनेटरी अफसर को तत्काल प्रभाव से 50-50 हजार रुपये खर्च करने की स्वीकृति दे दी है। इससे वे जरूरत पड़ने पर गाड़ियों में सीएनजी भरवाने के साथ मरम्मत के काम भी करवा सकेंगे। कूड़ा उठान के लिए ईकोग्रीन को दी गईं 50 से अधिक गाड़ियां भी जोनल सेनेटरी अफसर को सौंप दी गई हैं। उधर, पड़ावघरों पर जमा कूड़ा उठाने का काम लगातार किया जाएगा। इसके लिए नगर आयुक्त ने रात में भी काम करने के निर्देश दिए हैं।

 

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