इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने बीती 26 जुलाई को एक अभ्यर्थी राजकुमार मिश्र (Rajkumar Mishra) के मामले में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल (Secretary Basic Education Council Pratap Singh Baghel) को 10 दिन के अंदर फीस वापस करने को कहा है।
प्रयागराज। 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती (72825 Trainee Teacher Recruitment) के लिए दिसंबर 2012 में आवेदन के रूप में 290 करोड़ रुपये फीस देने वाले करीब डेढ़ लाख बेरोजगारों को एक दशक बाद फिर से अपनी रकम वापसी की उम्मीद जगी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने बीती 26 जुलाई को एक अभ्यर्थी राजकुमार मिश्र (Rajkumar Mishra) के मामले में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल (Secretary Basic Education Council Pratap Singh Baghel) को 10 दिन के अंदर फीस वापस करने को कहा है। इस मामले की सुनवाई आठ अगस्त को होगी। इसी के साथ आवेदन करने वाले डेढ़ लाख से अधिक बेरोजगारों को फीस वापस मिलने की उम्मीद जगी है।
बता दें कि तत्कालीन बसपा सरकार (BSP Government) ने 30 नवंबर 2011 को प्राथमिक स्कूलों में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती टीईटी मेरिट (TET Merit) से शुरू की थी, लेकिन पात्रता परीक्षा में धांधली के आरोप लगने बाद सपा सरकार (SP Government) ने प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती टीईटी मेरिट (TET Merit) की बजाय एकेडमिक रिकार्ड (शैक्षिक गुणांक) के आधार पर करने का निर्णय लिया। दिसंबर 2012 में विज्ञापन जारी किया गया था।
जिलों में आवेदन के लिए 500-500 रुपये फीस ली गई। कई अभ्यर्थियों ने 75 जिलों से फॉर्म भरा जिसके एवज में 40 हजार रुपये खर्च करने पड़े। 25 से 30 हजार रुपये फीस के रूप में सरकार को दिए। फीस के रूप में सचिव के खाते में 2,89,98,54,400 रुपये जमा हुए थे। हालांकि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश पर टीईटी मेरिट (TET Merit) के आधार पर भर्ती पूरी हुई। पैसे वापस नहीं हुए।
सचिव संबंधित अभ्यर्थी को फीस वापस करें
कई अभ्यर्थी रुपये वापसी के लिए हाईकोर्ट में याचिकाएं कर चुके हैं। सचिव नवंबर 2018 से डायट प्राचार्यों पर फीस वापसी टाल रहे हैं, लेकिन अब कोर्ट ने साफ कहा है कि राशि सचिव के खाते में जमा हुई थी इसलिए सचिव ही संबंधित अभ्यर्थी को वापस करें।