यूपी के आगरा में सुनवाई के दौरान इटावा से भाजपा सांसद रामशंकर कठेरिया के खिलाफ केस में वादी सहित 11 गवाह थे। इसमें से चार गवाह राजेंद्र सिंह, कृष्ण कुमार, विशाल कुमार और उमेश चंद पूर्व गवाही से मुकर गए।
इटावा : यूपी के आगरा में सुनवाई के दौरान इटावा से भाजपा सांसद रामशंकर कठेरिया के खिलाफ केस में वादी सहित 11 गवाह थे। इसमें से चार गवाह राजेंद्र सिंह, कृष्ण कुमार, विशाल कुमार और उमेश चंद पूर्व गवाही से मुकर गए।
राजेंद्र सिंह का कहना था कि नया होने की वजह से मैं उस समय नहीं जानता था। विशाल कुमार ने कहा कि वह टोरेंट में चपरासी था। उसने देखा कि कठेरिया मैनेजर के चैंबर में बैठे थे। वह चाय देने के बाद चला गया था। इसके बाद क्या घटना हुई मुझे नहीं पता।
तीसरे गवाह उमेशचंद भी टोरेंट में कर्मचारी थे। उसने कहा कि कुछ लोगों ने वहां पर आकर हाथापाई कर दी। वह नहीं बता सकते कि हाथापाई किस बात को लेकर हुई थी। वहीं कृष्ण कुमार ने अपनी गवाही में कहा कि जब वहां पहुंचे तो कोई नहीं था। अभियोजन ने चारों को पक्ष द्रोही घोषित किया गया। घायल हुए भावेश रसिक लाल शाह ने अपने साथ हुई घटना का समर्थन किया।
डॉक्टर अमिताभ चौहान ने भी गवाही में जांच में मिली चोटों की पुष्टि की। बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने आरोपी को परिवीक्षा पर छोड़ने की याचना करते हुए कहा कि वह लंबे समय से न्यायालय के चक्कर काट रहे हैं। पर्याप्त सजा भुगत चुके हैं। उस पर नरम रुख अपनाते हुए कम से कम सजा दी जाए। उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। कई बार सांसद रह चुके हैं, वर्तमान में इटावा से सांसद हैं।
अभियोजन ने कहा-अधिकतम सजा दी जाए
अभियोजन की ओर से आरोपी को अधिक से अधिक सजा की याचना की गई। तर्क दिया कि दोष सिद्ध प्रभावशाली है। इसका अधिसंख्य लोगों पर प्रभाव है। ऐसे व्यक्ति से समाज को अपेक्षा होती है कि वह नियम, कानून का पालन करेगा।
यह था पूरा मामला
बता दें कि आगरा में टोरेंट अधिकारी से मारपीट एवं बलवा करने के मामले में भाजपा सांसद रामशंकर कठेरिया दोषी पाए गए। कोर्ट ने उन्हें दो वर्ष कारवास की सजा सुनाई। साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। घटना वर्ष 2011 की है। मामले में टरेंट अधिकारी की तरफ से मुकदमा दर्ज कराया गया था।
मामला हरीपर्वत थाना क्षेत्र के साकेत माल का है। यहां स्थित टोरेंट के सतर्कता कार्यालय (विद्युत चोरी निवारण कार्यालय) पर 16 नवंबर 2011 को पूर्व एससी-एसटी आयोग के अध्यक्ष एवं वर्तमान में इटावा से भाजपा सांसद राम शंकर कठेरिया पहुंचे। उनके साथ करीब 10-15 समर्थक थे।
यहां पर मैनेजर भावेश रसिकलाल शाह बिजली चोरी से सम्बंधित मामलों की सुनवाई एवं निस्तारण कर रहे थे। इसी दौरान सांसद रामशंकर कठेरिया के साथ आए समर्थकों नें भावेश रसिकलाल शाह के कार्यालय में घुसकर उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। इससें उन्हें काफी चोटें आईं।
भावेश की तहरीर पर सांसद एवं उनके अज्ञात समर्थकों के विरुद्ध धारा 147 एवं 323 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। मामले में हरीपर्वत थाना पुलिस ने सांसद के विरुद्ध आरोपपत्र अदालत में प्रेषित किया। मामले में गवाही एवं बहस के बाद शनिवार को फैसला सुनाया गया।
मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पुलिस के आरोप पत्र, अधिवक्ता द्वारा पेश किए साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने इटावा से सांसद रामशंकर कठेरिया को धारा 147, 323 के तहत दोषी पाया। कोर्ट ने सांसद को दो वर्ष करावास की सजा सुनाई। साथ ही 50 हजार का जुर्माना लगाया।