उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव को लेकर सियासी तापमान बढ़ता जा रहा है। चुनाव से पहले बड़ा उल्टफेर होता भी दिख रहा है। ये उल्टफेर शाहजहांपुर में दिख रहा है, जहां पहली बार नगर निगम का चुनाव होने जा रहा है। दरअसल, समाजवादी पार्टी ने जिसे मेयर प्रत्याशी बनाया था आज उन्होंने भाजपा की सदस्यता ले ली है।
UP Nikay Chunav 2023: उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव को लेकर सियासी तापमान बढ़ता जा रहा है। चुनाव से पहले बड़ा उल्टफेर होता भी दिख रहा है। ये उल्टफेर शाहजहांपुर में दिख रहा है, जहां पहली बार नगर निगम का चुनाव होने जा रहा है। दरअसल, समाजवादी पार्टी ने जिसे मेयर प्रत्याशी बनाया था आज उन्होंने भाजपा की सदस्यता ले ली है। ऐसे में समाजवादी पार्टी को ये बड़ा झटका लगा है। बता दें कि, अर्चना वर्मा को सपा ने मेयर का प्रत्याशी बनाया था। रविवार को अर्चना वर्मा ने उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गईं।
राममूर्ति वर्मा की बहू हैं अर्चना
बता दें कि, अर्चना वर्मा अखिलेश सरकार में मंत्री रहे राममूर्ति वर्मा की बहू हैं। सपा ने उन्हें मेयर का टिकट भी दे दिया था लेकिन उन्होंने सपा मुखिया अखिलेश यादव को तगड़ा झटका देते हुए बीजेपी का दामन थामा थाम लिया। अर्चना वर्मा ने आज यानी रविवार को लखनऊ स्थित बीजेपी के मुख्यालय पर पर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
2005 में बनीं थीं जिला पंचायत अध्यक्ष
अर्चना वर्मा वर्ष 2005 में जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं थीं। वह चार बार विधायक और सपा सरकार में मंत्री रहे राममूर्ति वर्मा के बेटे राजेश वर्मा की पत्नी हैं। राजेश वर्मा 2022 के विधानसभा चुनाव में ददरौल सीट से सपा के प्रत्याशी थे। सपा ने 12 अप्रैल को महापौर प्रत्याशी के तौर पर अर्चना वर्मा के नाम की घोषणा की थी। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता उनको चुनाव लड़ाने की तैयारी में जुटे थे, लेकिन ऐन वक्त पर अर्चना ने पाला बदल दिया।