यूपी में संस्कृत विद्यालयों के पुनरुद्धार व विकास में जुटी सरकार ने अनुपूरक बजट में इसके लिए भी व्यवस्था कर दी है। पांच धार्मिक शहरों में आवासीय समेत 11 अन्य (कुल 16) राजकीय संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना हो सकेगी।
लखनऊ : यूपी में संस्कृत विद्यालयों के पुनरुद्धार व विकास में जुटी सरकार ने अनुपूरक बजट में इसके लिए भी व्यवस्था कर दी है। पांच धार्मिक शहरों में आवासीय समेत 11 अन्य (कुल 16) राजकीय संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना हो सकेगी।
शासन ने पांच धार्मिक शहरों नैमिषारण्य (सीतापुर), प्रयागराज, अयोध्या, मथुरा व चित्रकूट में नए आवासीय राजकीय संस्कृत विद्यालय खोलने का निर्णय लिया था। यहां पर विद्यालय के साथ-साथ 100-100 बेड के छात्रावास की भी व्यवस्था होगी, ताकि यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को आवासीय सुविधा के लिए भटकना न पड़े। खास यह कि यहां से पढ़कर निकलने वाले विद्यार्थी अपने शहर में ही रोजगार भी पा सकेंगे।
इसी तरह 11 शहरों वाराणसी, रायबरेली, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, जालौन, अमेठी, मुरादाबाद, एटा, हरदोई में भी नए राजकीय संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना की जानी है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद की ओर से इन विद्यालयों के लिए जमीन भी चिह्नित कर ली गई है। शासन की ओर से पांच करोड़ रुपये का बजट प्रावधान होने के बाद इन विद्यालयों के निर्माण कार्य को गति मिलेगी।
बजट जारी होने के बाद शासन निर्माण एजेंसी तय करेगा और निर्माण कार्य शुरू होंगे। आगे आवश्यकतानुसार बजट में और वृद्धि की जाएगी। परिषद की ओर से इन 16 विद्यालयों में कक्षा छह से 12 (प्रथमा से उत्तर मध्यमा) तक की पढ़ाई होगी। इन विद्यालयों में लगभग पांच-पांच बच्चों की प्रवेश क्षमता होगी।
शिक्षा की बेहतरी के लिए 1551 करोड़ रुपये का बजट
प्रदेश सरकार ने अपने अनुपूरक बजट में भी प्राथमिक से लेकर उच्च व तकनीकी शिक्षा की बेहतरी व सुधार के लिए लगभग 1551 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है। इसमें निजी स्कूलों में कक्षा एक से आठ के बच्चों को निःशुल्क व अनिवार्य शिक्षा के लिए बजट प्रतिपूर्ति को 268 करोड़ के बजट का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है।
शासन के अनुसार इस राशि से इस साल के शुल्क के स्कूलों की प्रतिपूर्ति कर दी जाएगी। इससे पहले अप्रैल में भी शासन ने 174 करोड़ रुपये जारी किए थे। जो चार-पांच साल से स्कूलों का बकाया था। प्रदेश भर में लगभग तीन लाख बच्चे आरटीई के तहत निजी स्कूलों में इसके तहत पढ़ाई कर रहे हैं। इसी तरह माध्यमिक शिक्षा विभाग के लिए 490 करोड़ के बजट का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है।
वहीं प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएमश्री) योजना के तहत प्रदेश में केंद्र के सहयोग से अपग्रेड हो रहे 928 स्कूलों के लिए राज्यांश के रूप में 161 करोड़ रुपये के बजट का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। इससे इन प्राथमिक स्कूलों में अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ हर मूलभूत सुविधाएं भी बेहतर की जाएंगी। वहीं समग्र शिक्षा के लिए 233 करोड़ और पीएम पोषण योजना के तहत रसोइयों को मानदेय के लिए 36 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है।
पीएम ऊषा योजना समेत राज्य विवि के लिए 222 करोड़
प्रदेश में उच्च शिक्षण संस्थानों में मूलभूत सुविधाओं समेत अन्य कामों के लिए प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम ऊषा) योजना के तहत सरकार ने 20 करोड़ समेत राज्य विश्वविद्यालयों के कुल 222 करोड़ का प्रावधान किया है। इसमें प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भैय्या) विश्वविद्यालय, प्रयागराज की स्थापना के लिए 157 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है।
ये हुए प्रावधान
– सहारनपुर में बन रहे मां शाकुंभरी देवी राज्य विश्वविद्यालय के लिए फर्नीचर व उपकरणों के लिए पांच करोड़
– महंत अवैद्यनाथ राजकीय महाविद्यालय जंगल कौड़िया, गोरखपुर में निर्माण कार्य के लिए छह करोड़ 34 लाख
– पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय महाविद्यालय सहजनवा, गोरखपुर में निर्माण कार्य के लिए सात करोड़ 65 लाख
– इंद्रासन सिंह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राजकीय महाविद्यालय पचवस, बस्ती के लिए छह करोड़ 91 लाख
– संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के भवनों के जीणोऱ्द्धार के लिए दस करोड़
– महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय, आजमगढ़ के लिए फर्नीचर व उपकरण खरीद के लिए पांच करोड़
– राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय, अलीगढ़ के लिए फर्नीचर व उपकरण खरीदने के लिए के लिए पांच करोड़