यूपीपीसीएल में हुए करीब 22 अरब के पीएफ घोटाले की जांच कर सीबीआई कर रही है। सीबीआई ने 3 आईएएस अफसरों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मांगी है। ऊर्जा विभाग में हुए घोटाले के समय आईएएस संजय अग्रवाल, आईएएस आलोक कुमार व आईएएस अपर्णा यू यहां पर तैनात थीं।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) में हुए करीब 22 अरब के पीएफ घोटाले की जांच कर सीबीआई कर रही है। सीबीआई (CBI) ने 3 आईएएस अफसरों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मांगी है। ऊर्जा विभाग में हुए घोटाले के समय आईएएस संजय अग्रवाल, आईएएस आलोक कुमार व आईएएस अपर्णा यू यहां पर तैनात थीं।
ये तीनों अधिकारी यूपी पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड में उच्च पदों पर तैनात थे। आईएएस संजय अग्रवाल 1984 बैच के अधिकारी हैं, जो वर्तमान में केंद्र सरकार में कृषि और किसान कल्याण विभाग के सचिव के रूप में कार्यरत हैं। इससे पहले वह 2013 और 2017 के बीच यूपी पावर कॉरपोरेशन, एसीएस और यूपीपीसीएल के अध्यक्ष के प्रमुख सचिव थे। आईएएस आलोक कुमार- I 1988 बैच के अधिकारी हैं। वर्तमान में वे केंद्र सरकार में विद्युत मंत्रालय में सचिव के पद पर तैनात हैं। 2017 से 2019 तक वह प्रमुख सचिव यूपी पावर और अध्यक्ष यूपीपीसीएल के अलावा ऊर्जा विभाग और यूपी राज्य विद्युत उत्पादन निगम के प्रमुख थे।
अपर्णा यू 2001 बैच की अधिकारी हैं और सचिव यूपी चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और मिशन निदेशक एनएचएम और कार्यकारी निदेशक सिफ्सा हैं। 2017 और 2019 के बीच वह एमडी यूपीपीसीएल और सचिव बिजली विभाग थीं।
सीबीआई से पहले 2019 में ईओडब्ल्यू इस घोटाले की जांच कर रहा था, जिसने पूर्व एमडी एपी मिश्रा, निदेशक वित्त सुधांशु त्रिवेदी और पीके गुप्ता को जेल भेज दिया था। इसके बाद कई गिरफ्तारियां हुईं जिनमें ब्रोकरेज फर्म के एजेंट और सीए भी शामिल थे।