डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ ऐलानो ने आटो सेक्टर में हलचल पैदा कर दी है। आटो सेक्टर के नए टैरिफ से असहमत उत्पादन कंपनियां प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया है।
US Auto Tariff : डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ ऐलानो ने आटो सेक्टर में हलचल पैदा कर दी है। आटो सेक्टर के नए टैरिफ से असहमत उत्पादन कंपनियां प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया है। उन्होंने दो अप्रैल को ही टैरिफ का ऐलान किया। हालांकि, अब ऐसा लग रहा है कि ट्रंप का फैसला उन पर ही भारी पड़ने वाला है। ट्रंप द्वारा शुरू की गई नई इंपोर्ट नीति के कारण अमेरिका को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, लग्जरी कार बनाने वाली कंपनी जगुआर और लैंडरोवर (जेएलआर) ने अपने कारों की सप्लाई को अमेरिका में फिलहाल के लिए रोक दिया है। दोनों ही कंपनी का मालिकाना अधिकार टाटा मोटर्स के पास है। जगुआर और लैंडरोवर का निर्माण ब्रिटेन में होता है।
टाटा मोटर्स के स्वामित्व वाली इकाई जगुआर लैंड रोवर (Jaguar Land Rover, a unit owned by Tata Motors) (जेएलआर) ने शुल्क संरचना में बदलाव को ध्यान में रखते हुए ब्रिटेन में स्थित अपने विनिर्माण संयंत्रों (manufacturing plants) से अमेरिका को वाहनों का निर्यात रोक दिया है। जेएलआर के एक प्रवक्ता ने एक बयान में यह जानकारी दी। कंपनी प्रवक्ता ने कहा, ‘अमेरिका जेएलआर के लग्जरी ब्रांडों (US JLR’s luxury brands) के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार है। हम अपने व्यापारिक भागीदारों के साथ नई व्यापारिक शर्तों की दिशा में काम कर रहे हैं। हम अपनी अल्पकालिक कार्रवाइयों (short term actions) को लागू कर रहे हैं, जिसमें अप्रैल में निर्यात खेप रोकना भी शामिल है। हम अपनी मध्यावधि से लेकर दीर्घावधि (medium to long term) तक की योजनाएं बना रहे हैं।
आयातित कारों पर ट्रंप प्रशासन का 25 प्रतिशत शुल्क लगाने का फैसला तीन अप्रैल से लागू हो गया है। इससे पहले जेएलआर ने कहा था कि उसके लग्जरी ब्रांडों की वैश्विक अपील है और उसका व्यवसाय बदलती बाजार स्थितियों का सामना करने का अभ्यस्त है।
वित्त वर्ष 2024 में जेएलआर की चार लाख से अधिक इकाइयों में से करीब 23 प्रतिशत की बिक्री अमेरिकी बाजार में हुई थी। ये सभी वाहन उसके ब्रिटिश संयंत्र से निर्यात किए गए थे। टाटा मोटर्स ने वर्ष 2008 में फोर्ड मोटर् से जेएलआर का अधिग्रहण किया था।