अफगानिस्तान में तालिबान युद्ध तेज कर दिया है। तालिबानी आतंकी वहां आम नागरिकों पर अत्याचार कर रहे है। तालिबानियों की क्रूरता से आतंकित अफगान नागरिक परिवार सहित सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर रहे है। तालिबान ने उस समय से युद्ध तेज कर दिया जब अफगानिस्तान से अमेरिकी सुरक्षा बलों ने वापसी कर दिया।
अफगानिस्तान: अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान युद्ध तेज कर दिया है। तालिबानी आतंकी वहां आम नागरिकों पर अत्याचार कर रहे है। तालिबानियों की क्रूरता (the brutality of the Taliban) से आतंकित अफगान नागरिक(Afghan citizens) परिवार सहित सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर रहे है। तालिबान ने उस समय से युद्ध तेज कर दिया जब अफगानिस्तान (Afghanistan) से अमेरिकी सुरक्षा बलों ने वापसी कर दिया। इस बीच तालिबान अफगानिस्तान के छ सूबे राजधानियों सहित कई बड़े शहरों पर अपना नियंत्रण कर लिया है।अब एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी के कार्यक्रम में किसी भी तरह के परिवर्तन की संभावना से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि अफगान नेताओं (Afghan Leaders) को एक साथ आना होगा और अपने लिए तथा अपने देश के लिए लड़ना होगा।
जो बाइडेन ने 11 सितंबर तक युद्धग्रस्त देश से सभी अमेरिकी सैनिकों की वापसी का अप्रैल में आदेश दिया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,पेंटागन (Pentagon) ने बताया कि अब तक वहां से 90 फीसदी से अधिक सैनिक स्वदेश लौट चुके हैं। सैनिकों और उपकरणों को अफगानिस्तान से वापस लाने का पेंटागन का बड़ा काम लगभग पूरा हो चुका है और अमेरिकी सेना का मिशन 31 अगस्त तक समाप्त हो सकता है। व्हाइट हाउस (White House) में संवाददाताओं ने बाइडेन से पूछा कि सैनिकों की वापसी के वर्तमान कार्यक्रम में क्या कोई बदलाव आ सकता है, इस पर उन्होंने कहा, ‘नहीं’।
खबरों के अनुसार, मेरिकी राष्ट्रपति ने आगे कहा, ‘देखिए, हमने बीस साल से अधिक समय में एक हजार अरब डॉलर से अधिक राशि खर्च की। अफगान बलों के 3,00,000 से अधिक सैनिकों को प्रशिक्षित किया, साजो सामान दिया। अफगान नेताओं को एक साथ आना होगा। हमारे हजारों सैनिक घायल हुए, हजारों मारे गए। उन्हें अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी, अपने देश के लिए लड़नी होगी।’ बाइडेन ने कहा, ‘हम अपने वादे पूरे करेंगे जैसे कि हवाई क्षेत्र में मदद देना, यह देखना कि उनकी वायुसेना ठीक से काम करने में सक्षम हो, उनके बलों को भोजन और उपकरणों की आपूर्ति और उनके सभी वेतनों का भुगतान आदि। लेकिन उन्हें लड़ना होगा। उनकी संख्या तालिबान से अधिक है।