अमेरिकी शेयर बाजार (US Stock Market) में आज भारी गिरावट देखी गई, जो जून 2020 के बाद सबसे बड़ी एकदिवसीय गिरावट है। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 1,679.39 अंक (3.98%) गिरकर 40,545.93 पर बंद हुआ, नैस्डैक कंपोजिट 1,050.44 अंक (5.97%) गिरकर 16,550.50 पर और एसएंडपी 500 इंडेक्स 274.45 अंक (4.84%) गिरकर 5,396.52 पर बंद हुआ।
नई दिल्ली। अमेरिकी शेयर बाजार (US Stock Market) में आज भारी गिरावट देखी गई, जो जून 2020 के बाद सबसे बड़ी एकदिवसीय गिरावट है। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 1,679.39 अंक (3.98%) गिरकर 40,545.93 पर बंद हुआ, नैस्डैक कंपोजिट 1,050.44 अंक (5.97%) गिरकर 16,550.50 पर और एसएंडपी 500 इंडेक्स 274.45 अंक (4.84%) गिरकर 5,396.52 पर बंद हुआ।
इस गिरावट का मुख्य कारण राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (President Donald Trump) द्वारा घोषित नए टैरिफ हैं, जिनमें सभी अमेरिकी आयातों पर 10% का बेस टैरिफ और चीन से आयात पर 54% का टैरिफ शामिल है। इन टैरिफों के परिणामस्वरूप निवेशकों में घबराहट फैल गई और वैश्विक बाजारों से लगभग $2.5 ट्रिलियन का मूल्य मिट गया।
खुदरा निवेशक, विशेष रूप से Reddit के WallStreetBets फोरम पर सक्रिय, इन टैरिफों के कारण हुए नुकसान से चिंतित हैं। कई निवेशकों ने अपने निवेशों में भारी नुकसान की सूचना दी है, कुछ ने दिवालियापन तक का सामना किया है।
इन टैरिफों के कारण विभिन्न उद्योगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। खुदरा विक्रेता, तकनीकी कंपनियां, कपड़ा निर्माता और एयरलाइंस सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। उदाहरण के लिए, Apple और Nvidia जैसी प्रमुख कंपनियों ने संयुक्त रूप से $470 बिलियन का नुकसान झेला है।
राष्ट्रपति ट्रम्प ने बाजार की इस प्रतिक्रिया के बावजूद विश्वास व्यक्त किया है कि अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। उन्होंने कहा,कि बाजार उछाल मारेगा, स्टॉक उछाल मारेगा, देश उछाल मारेगा। आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि इन टैरिफों के कारण मुद्रास्फीति बढ़ सकती है । उपभोक्ता खर्च में कमी आ सकती है, जिससे अमेरिकी और वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ सकती है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, कनाडा ने अमेरिकी वाहनों पर 25% प्रतिशोधी टैरिफ लगाकर प्रतिक्रिया दी है। यूरोपीय और एशियाई बाजारों में भी गिरावट देखी गई है, जिससे वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका बढ़ गई है। कुल मिलाकर, अमेरिकी शेयर बाजार (American Stock Market) में आज की गिरावट टैरिफों के कारण निवेशकों की चिंताओं को दर्शाती है और यह संकेत देती है कि यदि व्यापार युद्ध जारी रहता है तो वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।