आज के समय में डियो पर पर फ्यूम लोगो की पहली जरुरत बन गई है। इसका सबसे बड़ा कारण खान पान के प्रभाव या फिर गर्मी के कारण पसीने से निकलने वाली बद्बू।
आज के समय में डियो पर पर फ्यूम लोगो की पहली जरुरत बन गई है। इसका सबसे बड़ा कारण खान पान के प्रभाव या फिर गर्मी के कारण पसीने से निकलने वाली बद्बू। इस बद्दबूसे बचने के लिए लोग कम उम्र में ही डियो और परफ्यूम को लगाने लगते है। कुछ बच्चे तो खुद को कूल और दूसरों को आकर्षित करने के लिए भी इसका इस्तेमाल करते है।
गर्मियों में खास पसीने की बद्बू से बचने के लिए इसका यूज किया जाता है। इससे शरीर से खुशबू के साथ साथ ताजगी का भी एहसास होता है। बच्चों के लिए इसका यूज हानिकारक साबित हो सकता है।
हाल के रिसर्च के अनुसार ब्रिटेन में एयरोसोल डिओडोरेंट सूंघने के कारण 14 साल की मासूम बच्ची की कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई थी। इसकी मौत के बात बच्ची के माता पिता ने लोगों को बच्चों डियो से होने वाले नुकसान के प्रति जागरुक किया था। डियो का यूज पसीने की दुर्गंध से बचने और ताजा महसूस करने के लिए किया जाता है। लेकिन बच्चों के लिए इसका यूज हानिकारक हो सकता है।
विशेषज्ञों की माने तो पसीने के द्वारा शरीर से टॉक्सिन बाहर निकलते है। इसकी वजह से हेल्थ ठीक रहती है। वहीं अगर कोई बच्चा डियो या परफ्यूम का यूज करता है तो उसका अविकसित शरीर इसकी वजह से मुश्किलों में पड़ सकता है। डियोडरेंट में एल्मुनियम नमक के रुप में होता है। जो बच्चे की स्किन की ऊपरी परत को बैठकर पसीने को रोक देता है। रिपोर्ट्स के अनुसार इससे जीन्स में अस्थिरता जाती है।
इसकी वजह से ट्यूमर और कैंसर की कोशिकाओं में बढ़ोत्तरी होती है। इसके अलावा डियोडरेंट में पैराबैंन का यूज होता है।इसका काम शरीर को बैक्टीरिया से बचाना है। शरीर में पहुंचते ही ये कैंसर सेल्स को बढ़ावा देने लगता है।बच्चो के लिए एयरोसोल स्प्रे से बचना चाहिए। एयरोसोल डिओडोरेंट सूंघने से सांस से संबंधित परेशानियां हो सकती हैं।