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Uttar Pradesh Bharat Scout and Guide : प्रादेशिक मुख्यायुक्त का चुनाव बना मजाक, 34 जिलों का कोई प्रतिनिधि चुनाव में नहीं शामिल ,योगी से लगाई गुहार

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री डॉ. आरके त्रिवेदी, जिलामंत्री महेश चन्द्र, कोषाध्यक्ष विश्वजीत सिंह तथा आय-व्यय निरीक्षक आलोक पाठक ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से उत्तर प्रदेश भारत स्काउट और गाइड के निष्पक्ष निर्वाचन कराये जाने की मांग की है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री डॉ. आरके त्रिवेदी, जिलामंत्री महेश चन्द्र, कोषाध्यक्ष विश्वजीत सिंह तथा आय-व्यय निरीक्षक आलोक पाठक ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से उत्तर प्रदेश भारत स्काउट और गाइड के निष्पक्ष निर्वाचन कराये जाने की मांग की है।

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शिक्षक नेताओं ने बताया कि भारत स्काउट गाइड उत्तर प्रदेश के प्रादेशिक मुख्यायुक्त का चुनाव मजाक बनकर रह गया है। नामांकन प्रक्रिया की अन्तिम तिथि 06 दिसम्बर, 2023 है। सबसे गम्भीर बात यह है कि इस स्काउट गाइड चुनाव मे उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में से 34 जिलों को प्रतिनिधित्व नहीं दिया जा रहा है। इनमें उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ जिले सहित लखनऊ मंडल के भी भारत स्काउट गाइड इकाइयां शामिल है। इन 34 जिलों के प्रतिनिधि भारत स्काउट गाइड उत्तर प्रदेष के चुनाव में मतदान नहीं कर पाएंगे। इतना ही नही उन्हें नामांकन प्रक्रिया से भी बाहर कर दिया गया है।

हैरत की बात यह है कि भारत स्काउट गाइड उत्तर प्रदेश से जुड़ी माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज से मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थाएं सम्बद्व है, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों की भी इस चुनाव में नही सुनी जा रही है। स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर एक वर्तमान प्रादेशिक मुख्यायुक्त डॉ. प्रभात कुमार को पुनः को प्रादेशिक मुख्यायुक्त पद पर आजीवन काबिज रहने की व्यवस्था बनाए रखने का दबाव डाला जा रहा है और अगर इसके विरोध में शिक्षा विभाग का कोई अधिकारी आवाज उठा रहा है तो उसे सम्बधित जिलों के जिलाधिकारी के माध्यम से चुप कराया जा रहा है। डराया धमकाया जा रहा है और सरकारी जांच का भय दिखाकर चुप रहने के लिए कहा जा रहा है।

शायद यही कारण है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी प्रादेशिक मुख्यायुक्त के चुनाव में खुलकर बोलने की हिम्मत नही जुटा पा रहे हैं। इतना ही नहीं शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि भारत स्काउट गाइड उत्तर प्रदेश का संविधान इतनी गोपनीय तरीके से किया गया है जिसकी भनक शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियो और स्काउट गाइड के प्रांतीय पदाधिकरी को भी नही लगी। इस नियमावली में संशोधन करने का राज तब खुला जब प्रादेशिक मुख्यायुक्त के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई और लोग नामांकन के लिए प्रादेशिक मुख्यायुक्त कार्यालय महानगर, लखनऊ से सम्पर्क करना शुरू किया।

उत्तर प्रदेश के कई प्रतिभावान भारत स्काउट गाइड के वर्षों तक पदाधिकारी रहे और सामाजिक सेवा मे रूचि रखने वाले बड़ी संख्या में ऐसे शिक्षक और शिक्षा विभाग के अधिकारी है, जो प्रादेशिक मुख्यायुक्त पद के लिए पात्र भी है लेकिन उन्हे नियमावली में संशोधन कर और कानूनी दांव पेच में फंसा कर न केवल दूर कर दिया गया है, बल्कि इन सब व्यवस्थाओं से टक्कर लेकर प्रादेशिक मुख्यायुक्त का चुनाव लड़ने की कोशिश कर रहे अधिकारी को भी दबाने डराने और चुनावी प्रक्रिया से बाहर करने की कोशिश चल रही है। माना जा रहा है कि नामांकन प्रक्रिया में भी दखलंदाजी इस तरह से की जा रही है कि प्रादेशिक मुख्यायुक्त का चुनाव निष्पक्ष ढंग से न हो पाए।

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शिक्षक नेताओं ने बताया कि माध्यमिक षिक्षा परिषद से सम्बद्व सभी विद्यालयों की भागीदारी इस चुनाव में की जानी चाहिए थी, लेकिन एक षडयंत्र के तहत उत्तर प्रदेश के 34 जिलों की भारत स्काउट गाइड यूनिट्स को बाहर कर दिया गया है, जबकि इन जिलों द्वारा नियमानुसार कोटा मनी प्रादेशिक आयुक्त कार्यालय में जमा किया जा चुका है। उन्होने कहा कि माध्यमिक शिक्षक संघ इसे किसी भी सूरत में सहन नही करेगा और जरूरत पड़ने पर आर पार की लड़ाई लडेगा।

 

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