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मोहम्‍मद शमी की बेटी के होली खेलने पर मौलाना हुए आगबबूला, बोले- क्रिकेटर अपने परिवार और बच्चे पर ध्यान दें कि वे क्या कर रहे हैं…

Controversy over Shami's daughter playing Holi: क्रिकेटर मोहम्‍मद शमी के रोजा न रखने का मामला अभी शांत ही हुआ था कि एक और नया विवाद खड़ा हो गया है। यह विवाद शमी की बेटी के होली खेलने को लेकर है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने इस पर नाराजगी जतायी है। उनका कहना है कि गैर मुस्लिमों के मजहबी त्‍योहार को अगर कोई मुसलमान अपनाता हौ तो यह गुनाह का काम है।

By Abhimanyu 
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Controversy over Shami’s daughter playing Holi: क्रिकेटर मोहम्‍मद शमी के रोजा न रखने का मामला अभी शांत ही हुआ था कि एक और नया विवाद खड़ा हो गया है। यह विवाद शमी की बेटी के होली खेलने को लेकर है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने इस पर नाराजगी जतायी है। उनका कहना है कि गैर मुस्लिमों के मजहबी त्‍योहार को अगर कोई मुसलमान अपनाता हौ तो यह गुनाह का काम है।

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दरअसल, मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी पिछले कुछ समय से मोहम्मद शमी पर टिप्पणी करके सुर्खियों में बनें हुए हैं। इससे पहले उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के दौरान रमजान में शमी के रोजा न रखने पर उनकी आलोचना की थी, यहां तक कि मौलाना ने क्रिकेटर को गुनहगार तक कह दिया था। वहीं, अब शमी की बेटी आयरा के होली खेलने पर मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी की प्रतिक्रिया सामने आयी है।

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने एक निजी चैनल से बातचीत में कहा, ‘मुझे जानकारी मिली है कि मोहम्मद शमी साहब क्रिकेटर की बेटी होली खेल रही है। इसमें दो कंडीशन हैं। पहली कंडीशन यह है कि वो बच्‍ची है, ना समझ है, नाबालिग है, उसको शरीयत के नियमों के बारे में नहीं पता है तो उस पर शरीयत कोई हुक्‍म नहीं देती है। अगर वो बालिग है और वो शरीयत के मिजाज और हुक्‍म को जानती है कि गैर मुस्लिमों के मजहबी त्‍योहार को अगर कोई मुसलमान अपनाता है तो फिर यह नाजायज काम होगा।’

मौलाना ने आगे कहा, ‘होली गैर मुस्लिमों का मजहबी त्‍योहार है। इसे अगर कोई मुसलमान जानने के बावजूद अपनाता है तो फिर वो नाजायज होगा और उसका ये काम शरीयत की गिरफ्त में आएगा। यह गुनाह का काम है।’ उन्‍होंने कहा कि मैं शमी साहब को पहले भी आगाह कर चुका हूं और शरीयत की बता चुका हूं। फिर मैं दोबारा उनको बताना चाहता हूं कि वे अपने परिवार पर ध्‍यान दें। उनके बच्‍चे क्‍या कर रहे हैं? क्‍या नहीं कर रहे हैं? कहीं शरीयत के वसूलों का उल्‍लंघन तो नहीं कर रहे हैं? शरीयत के नियमों को मान रहे हैं कि नहीं मान रहे है? यह मुसलमान वालिदैन की जिम्‍मेदारी है।’

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