चमोली: उत्तराखंड में चमोली हादसे का आज चौथा दिन हैं चमोली हादसे में हुए नुकसान के बाद अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। दरअसल, NTPC की क्षतिग्रस्त तपोवन प्रोजेक्ट की सुरंग में फंसे लोगों को बचाने के लिए सेना, NDRF, ITBP, SDRF और अब मरीन कमांडो का दस्ता भी पहुंच चुका है।
आपको बता दें, खबरों के मुताबिक अब तक 32 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 174 लोग लापता बताए जा रहे हैं। तपोवन के पास सुरंग में फंसे लोगों को ड्रोन की सहायता से तलाशा जा रहा है। चमोली हादसे के बाद 600 से अधिक सेना, ITBP, NDRF, SDRF के जवान बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।
ये जवान बाढ़ से प्रभावित और संपर्क से बाहर हुए गांवों में खाना, दवाइयां और अन्य जरूरी चीजें पहुंचा रहे हैं। तपोवन की टनल से जेसीबी की मशीनें लगातार मिट्टी निकालने का काम कर रही है।
Machines removed more slush from the tunnel the whole night. A joint team of ITBP, NDRF, SDRF and sister agencies entered into the tunnel this morning. The tunnel is still approachable till about 120 meters. More slush and water coming from inside the tunnel. pic.twitter.com/jua1eVnErN
— ITBP (@ITBP_official) February 10, 2021
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वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालय जियोलॉजी के विज्ञानियों का प्रारंभिक आकलन है कि दो दिन पहले उत्तराखंड में आकस्मिक बाढ़ झूलते ग्लेशियर के ढह जाने की वजह से आई। झूलता ग्लेशियर एक ऐसा हिमखंड होता है जो तीव्र ढलान के एक छोर से अचानक टूट जाता है।